तालिबान की ताकत खत्म करने का अमेरिका का संकल्प दोहराते हुए राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाकों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे आतंकवादी अमेरिका तथा ब्रिटेन में बेकसूर नागरिकों को खत्म कर रहे हैं.
ओबामा ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई आसान नहीं है. उन्होंने कहा ‘‘यह आवश्यक है.’’ बहरहाल, राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि उनकी रणनीति सही है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरॅन के साथ कल एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रपति ने कहा ‘‘हमारी रणनीति सही है. हम तालिबान की ताकत खत्म करने जा रहे हैं. हम अफगान की क्षमता निर्मित करेंगे ताकि अफगान जनता अपने भविष्य की जिम्मेदारी स्वयं ले सके. हम पाकिस्तान के साथ भी क्षेत्रीय सहयोग गहरा करने जा रहे हैं.’’ कैमरॅन मई में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार अमेरिका आए हैं.
ओबामा ने कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई आसान तो नहीं है लेकिन जरूरी है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाकों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे आतंकवादी अमेरिका तथा ब्रिटेन में बेकसूर नागरिकों को खत्म कर रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि जुलाई 2011 में वह अफगानिस्तान से कुछ अमेरिकी सैनिकों को हटाना शुरू कर देंगे.
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को हटाने के लिए जुलाई 2011 की समय सीमा को लेकर लगाई जा रही अटकलों को विराम देते हुए ओबामा ने कहा ‘‘आने वाले वषरें में अफगान नागरिक अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद लेंगे. अगले साल जुलाई में हम हमारे बलों को अफगानिस्तान से हटाना शुरू कर देंगे.’’ काबुल में कल संपन्न बैठक को इस दिशा में एक बड़ा कदम बताते हुए ओबामा ने कहा कि राष्ट्रपति हामिद करजई की देश के सुरक्षा हालात में सुधार, आर्थिक विकास, बेहतर प्रशासन एवं बेहतर मूलभूत सेवाओं के लिए प्रतिबद्धता को क्रियान्वित करने के लिए अफगान सरकार और उसके अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों ने सर्वसम्मति से ठोस योजनाओं को मंजूरी दी.
गौरतलब है कि व्हाइट हाउस में ओबामा और कैमरॅन की मुलाकात के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें अफगानिस्तान का मुद्दा एक था.