लोकसभा में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गले मिलने को लेकर मिली जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ ने इसे नई राजनीति की शुरुआत बताई तो कइयों ने इसे नाटकीय बताया. वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राहुल को नसीहत दी है कि किसी से तपाक से मिलने से बचना चाहिए वरना सामने वाला कमतर आंकने लगता है.
अखिलेश ने कांग्रेस अध्यक्ष को इशारों ही इशारों में नसीहत दी और मशहूर शायर बशीर बद्र का एक शेर ट्वीट किया, 'कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से, ये नए मिज़ाज का शहर है जरा फासले से मिला करो.'
कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 21, 2018
बता दें कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव के युवा नेतृत्व में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, उनका यह प्रयोग सफल नहीं रहा और बीजेपी ऐतिहासिक जीत हासिल कर राज्य में सत्तारूढ़ हुई. इसके बावजूद दोनों दलों के नेताओं के बीच सार्वजनिक मंचों पर अच्छे संबंध देखने को मिलते हैं.
गौरतलब है कि शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर भाषण देने के क्रम में बीजेपी पर निशाना साधने के बाद, राहुल सत्तारूढ़ बेंच की तरफ बढ़े और उन्होंने जाकर पीएम मोदी को गले लगाया. इस घटना ने लोकसभा में सभी को स्तब्ध कर दिया.
राहुल ने अपने 40 मिनट के जोरदार भाषण में कहा, 'मेरे मन में आपके लिए नफरत या द्वेषपूर्ण भावनाएं रत्ती भर भी नहीं हैं. आप मुझसे नफरत करते हैं, मैं शायद आपके लिए 'पप्पू' हूं. आप मेरे लिए अपशब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन मैं आपसे प्यार करता हूं और आपका सम्मान करता हूं, क्योंकि मैं कांग्रेस हूं.' इस भाषण के बाद उन्होंने सौहार्द्र का परिचय देने की कोशिश की जब वह पीएम की सीट पर जाकर उनसे गले मिलने पहुंच गए.
प्रधानमंत्री पहले थोड़ा-सा हैरान हुए, फिर उनकी तरफ से इस तरह का भाव दिखा जैसे वह गांधी से कह रहे हैं कि वह यहां क्यों आ गए. लेकिन राहुल ने मोदी को बाहों में भर लिया और उन्हें गले लगा लिया.
राहुल पर PM मोदी की चुटकी- हमने अविश्वास का कारण पूछा, वो गले पड़ गए
इस घटना से हतप्रभ प्रधानमंत्री जब सामान्य हुए तो उन्होंने राहुल को बुलाया और उनसे हाथ मिलाया. उन्होंने राहुल की पीठ थपथपाई और उनसे कुछ बातें भी कीं.
राहुल के इस कदम से सत्ताधारी दल बीजेपी कुछ समय बाद ही उबर पाया और कुछ देर के लिए सदन स्थगित होने के बाद ही पार्टी सांसदों की ओर से उनके इस कदम पर ही नपीतुली प्रतिक्रिया आई, जिसमें उनके इस कदम का मजाक बनाया गया और आलोचना की गई.
हालांकि, जब पीएम मोदी के संसद में बोलने की बारी आई तो उन्होंने राहुल के इस कदम का मजाक उड़ाया और कहा कि राहुल उनकी सीट पर आकर उनसे खड़े होने को कह रहे थे. मोदी ने इस पर कहा कि आपको पीएम की कुर्सी तक पहुंचने की इतनी जल्दी है कि आप बैठे हुए को खड़ा करना चाहते हैं, यहां पर न कोई किसी को बिठा सकता है और न ही उठा सकता है, यहां देश की सवा सौ करोड़ की जनता ही किसी को बिठा सकती है.