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वायु सेना करेगी युद्ध की रीढ़ माने जाने वाले नेटवर्क की शुरुआत

भारतीय वायु सेना आगामी 14 सितंबर को भरोसेमंद डिजिटल सूचना प्रणाली ‘एयरफोर्स नेटवर्क’ (एएफनेट) की शुरुआत करने जा रही है जो दुश्मन के किसी भी खतरे का त्वरित एवं सटीक ढंग से जवाब देने में सक्षम होगी. इससे वायु सेना की नेटवर्क आधारित युद्ध क्षमता में जबर्दस्त इजाफा होगा.

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भारतीय वायु सेना आगामी 14 सितंबर को भरोसेमंद डिजिटल सूचना प्रणाली ‘एयरफोर्स नेटवर्क’ (एएफनेट) की शुरुआत करने जा रही है जो दुश्मन के किसी भी खतरे का त्वरित एवं सटीक ढंग से जवाब देने में सक्षम होगी. इससे वायु सेना की नेटवर्क आधारित युद्ध क्षमता में जबर्दस्त इजाफा होगा.

भारतीय वायु सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि अत्याधुनिक ‘एयरफोर्स नेटवर्क’ (एएफनेट) पूरी तरह सुरक्षित तंत्र होगा जो वायु सेना को सही मायनों में नेटवर्क आधारित लड़ाकू बल बनाने में मददगार होगा. यह देशभर के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को हाई बैंडविड्थ के जरिये पूरी तरह से जोड़ने वाला तीनों सेनाओं का समन्वित नेटवर्क होगा.

एएफनेट को भारतीय वायु सेना की पुरानी संचार प्रणाली के स्थान पर तैनात किया जाएगा जिसे 1950 के दशक की ट्रोपो स्कैटर प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर स्थापित किया गया था. प्रवक्ता ने कहा कि रेडियो स्पेक्ट्रम जारी करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. रक्षामंत्री एके एंटनी संचार मंत्री ए राजा की मौजूदगी में राजधानी में एएफनेट सेवाओं की शुरुआत करेंगे.

वायु सेना की परियोजना तीनों सेवाओं को नेटवर्क से लैस करने के समूचे मिशन का एक हिस्सा है. मिशन रक्षा मंत्रालय के सूचना प्रौद्योगिकी मसौदे के मद्देनजर आया है. विज्ञप्ति में कहा गया कि इसके अतिरिक्त वायु सेना संचार तंत्र और सूचना प्रौद्योगिकी ढांचे को सभी अन्य अभियान संबंधी कार्यों तकनीकी साजोसामान और प्रशासनिक कार्यों में इस्तेमाल करना चाहती है.

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भारतीय वायु सेना द्वारा राष्ट्रवयापी कार्यक्रम की शुरुआत निजी उद्यम के साथ की गई थी ताकि एक समर्पित उपग्रह के जरिए सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की गति को तेज किया जा सके और यहां तक कि सभी क्षेत्र इकाइयों को आपस में जोड़ा जा सके.

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