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आदर्श हाउसिंग सोसायटी के अध्यक्ष वांचू का इस्तीफा

आदर्श कोआपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के अध्यक्ष और करोड़ों रुपये के इस आवास घोटाले के मुख्य आरोपी बिग्रेडियर (सेवानिवृत) एम एम वांचू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

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आदर्श कोआपरेटिव हाउसिंग सोसायटी
आदर्श कोआपरेटिव हाउसिंग सोसायटी

आदर्श कोआपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के अध्यक्ष और करोड़ों रुपए के इस आवास घोटाले के मुख्य आरोपी बिग्रेडियर (सेवानिवृत) एम एम वांचू ने वृद्धावस्था और खराब स्वास्थ्य के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

ब्रिगेडियर वांचू ने सोसायटी के सचिव को भेजे त्यागपत्र पत्र में लिखा है, ‘मैं अपनी बढ़ती उम्र, खराब स्वास्थ्य और पत्नी की बिगड़ती स्वास्थ्य दशा के कारण सोसायटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं.’ हालांकि 76 वर्षीय वांचू ने कहा कि वह सोसायटी के सदस्य बने रहेंगे. उनके वकील कैप्टन मुख्तार खान ने वांचू के इस्तीफे की पुष्टि की है.

आदर्श कोआपरेटिव हाउसिंग सोसायटी मूल रूप से छह मंजिला भवन बननी थी जिसमें कारगिल युद्ध के नायकों एवं शहीदों की विधवाओं के लिए फ्लैट थे लेकिन नौकरशाहों, नेताओं और रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के कथित साठगांठ से यह 31 मंजिला भवन बन गयी.

कोलाबा इलाके में इस भवन में कई नेताओं, तीन पूर्व सैन्य सेवा प्रमुखों एवं नौकरशाहों ने फ्लैट हथियाए.

महाराष्ट्र के तीन पूर्व मुख्यमंत्री-अशोक चव्हाण, विलासराव देशमुख और सुशील कुमार शिंदे जांच आयोग के समक्ष गवाही के लिए बुलाए जा चुके हैं. सीबीआई ने जो मामला दर्ज किया है उसमें वांचू मुख्य आरोपी हैं. जांच एजेंसी के अनुसार वांचू ने आदर्श सोसायटी के लिए अवैध रूप से जमीन आवंटित करवाने के लिए सोसायटी के सचिव आर सी ठाकुमर के साथ मिलकर रक्षा सेवाओं के सदस्यों, महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों एवं अन्य के साथ साजिश रची थी. सोसायटी में ये सभी सदस्य थे.

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सीबीआई ने इस घोटाले के सिललिसे में आठ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया. उनमें दो सेवानिवृत मेजर जनरल टी के कौल और ए आर कुमार, महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के पूर्व जनरल अफसर कमांडिंग वांचू, आदर्श प्रोमोटर कन्हैयालाल गिडवाणी और तत्कालीन जिलाधिकारी एवं राज्य के वर्तमान वित्त आयुक्त प्रदीप व्यास शामिल हैं.

हालांकि ब्रिगेडियर वांचू समेत ज्यादातर को 29 मई, 2012 को जमानत मिल गयी थी.

दो सदस्यीय जांच आयोग अगले सप्ताह अपनी अंतिम रिपोर्ट जमा कर सकती है. महाराष्ट्र सरकार ने इस कांड की जांच के लिए इसका गठन किया था.

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