वकील अब्बास काजमी ने रविवार को कहा कि वह इस्लामिक जिमखाना के न्यासी पद से उन्हें हटाने के जिमखाना के विवादास्पद फैसले को अदालत में चुनौती देंगे. जिमखाना ने कथित तौर पर मुंबई हमलों के आरोपी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब की पैरवी करने के लिए काजमी के खिलाफ यह कदम उठाया है.
काजमी ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह गैरकानूनी है और निजी रंजिश का परिणाम है. इस्लामिक जिमखाना के न्यासी पद से काजमी की नियुक्ति को अप्रैल में इस आधार पर रद्द कर दिया कि किसी आतंकवादी की पैरवी करना इस्लाम की भावना के विपरीत है.
जिमखाना ने काजमी को भेजे एक पत्र में लिखा है आपने सर्वाधिक खूंखार आतंकवादी कसाब की पैरवी करने पर सहमति जतायी है. यह इस्लाम की भावना के विपरीत है. इस्लाम में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है और किसी आतंकवादी का बचाव करने की भी कोई गुंजाइश नहीं है. जिमखाना की अखंडता को बनाए रखने के लिए आपका न्यासी पद बर्खास्त किया जाता है.
काजमी ने कहा इसमें राजनीतिक बदले की भावना की बू आती है. जिमखाना एक मुस्लिम इकाई नहीं है बल्कि यह लोगों का समूह है. कैसे वे कह सकते हैं कि किसी आरोपी का बचाव करना इस्लाम के विरूद्ध है.