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जी न्यूज ने मांगी 100 करोड़ की घूस: नवीन जिंदल

जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज़ी न्यूज के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन का टेप दिखाया जिसमें आरोप लगाया गया है कि चैनल ने कंपनी को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया. साथ ही कोयला ब्लॉक आवंटन पर इसके खिलाफ खबर नहीं दिखाने के लिए सौ करोड़ रुपये ऐंठने का प्रयास किया.

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जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज़ी न्यूज के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन का टेप दिखाया जिसमें आरोप लगाया गया है कि चैनल ने कंपनी को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया. साथ ही कोयला ब्लॉक आवंटन पर इसके खिलाफ खबर नहीं दिखाने के लिए सौ करोड़ रुपये ऐंठने का प्रयास किया.

जेएसपीएल के अध्यक्ष एवं कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि ज़ी के पदाधिकारियों ने चार सालों के लिए 20 करोड़ रुपये मांगे. इस बीच छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के रहने वाले एक आरटीआई कार्यकर्ता ने जिंदल के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने दावा किया कि कोयला ब्लॉक आवंटन में कंपनी के खिलाफ खबर नहीं दिखाने के लिए उन्होंने बाद में रकम बढ़ाकर सौ करोड़ रुपये कर दी.

कैग की रिपोर्ट में बिना आवंटन के कोयला ब्लॉक पाने वाली जिन कंपनियों का नाम आया है उनमें जेएसपीएल भी है. इसके जवाब में चैनल ने जिंदल के खिलाफ ज़ी न्यूज के प्रमुख सुधीर चौधरी और ज़ी बिजनेस के प्रमुख समीर अहलूवालिया का बयान चलाया और दावा किया कि जेएसपीएल कोयला ब्लॉक आवंटन में अपनी संलिप्पता के ‘उजागर’ होने से भयभीत है.

जिंदल ने ज़ी न्यूज के दोनों पदाधिकारियों का नाम लिया था और कहा कि उन्होंने जेएसपीएल अधिकारियों से मुलाकात की थी. जिंदल ने कहा कि जेएसपीएल ने 13 सितंबर से 19 सितंबर के बीच ‘उल्टा स्टिंग’ ऑपरेशन किया ताकि चैनल की उगाही की कोशिश का भंडाफोड़ किया जा सके.

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चौधरी एवं अहलूवालिया की जेएसपीएल अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह रिकार्डिंग की गई. जिंदल ने चैनल के प्रतिनिधियों के व्यवहार को ‘लज्जाजनक ब्लैकमेलिंग’’ करार दिया और इसे न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन की तरफ से निर्धारित पत्रकारीय नियमों एवं सिद्धांतों का उल्लंघन बताया.

जिंदल की कंपनी जेएसपीएल ने ज़ी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया है. कंपनी ने चैनल के खिलाफ रिकार्डिंग को लिखित रूप में भी जारी किया. उन्होंने दावा किया कि ज़ी के खिलाफ कंपनी के पास और अधिक ‘विस्फोटक’ सामग्री उपलब्ध है.

दूसरी तरफ चैनल ने कहा कि कथित छद्म सौदे के माध्यम से वह जेएसपीएल को बेनकाब करने के प्रयास में था और किसी भी तरीके से धन की मांग नहीं की गई.

चौधरी ने कहा, ‘वास्तव में जेएसपीएल हमारे खुलासे से थर्रा गया और हमें खरीदने का प्रयास कर रहा था.’ उन्होंने आश्चर्य जताया कि जिंदल ने संवाददाता सम्मेलन में सवालों का जवाब क्यों नहीं दिया जिसमें आरटीआई कार्यकर्ता के सवाल भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन पर कैग की रिपोर्ट और जेएसपीएल की संलिप्तता का बड़ा मुद्दा अब भी है.

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