अवैध खनन के मामले में लोकायुक्त की रिपोर्ट में नाम लिए जाने पर भाजपा आलाकमान द्वारा इस्तीफा देने के लिए कहे जाने के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि वह अपनी पार्टी के दिशा निर्देशों के अनुसार रविवार को पद से इस्तीफा देंगे.
मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छोड़ने के लिए कहे जाने के बाद येदियुरप्पा ने अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि उन्होंने कर्नाटक में पार्टी को बनाने के लिए 40 साल लगाए हैं और वह भविष्य में भी इसके लिए काम करने की दिली इच्छा रखते हैं.
बीजेपी ने येदियुरप्पा से पद छोड़ने को कहा
यह उल्लेख करते हुए कि वह भाजपा के अनुशासित कार्यकर्ता हैं येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने पार्टी के दिशा निर्देशों के अनुसार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है.
येदियुरप्पा ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा कि आषाढ़ का महीना 30 जुलाई को खत्म हो जाएगा, मैं मुख्यमंत्री पद से 31 जुलाई को दोपहर से पहले इस्तीफा दे दूंगा.
उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी निर्माण के लिए लगातार 40 साल काम किया है और पार्टी को इस स्तर पर लाने में मैं संतुष्टि महसूस करता हूं. पार्टी के विकास के लिए भविष्य में भी काम करने की मेरी हार्दिक इच्छा है.
मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने कल कहा था कि मई 2008 से दक्षिण में भाजपा की पहली सरकार का नेतृत्व कर रहे 68 वर्षीय येदियुरप्पा भाजपा संसदीय बोर्ड का आदेश मानने के लिए राजी हो गए हैं.
भ्रष्टाचार के आरोपों में नप गए येदियुरप्पा
बोर्ड (पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई) ने बैंगलोर में भाजपा विधायक दल के नए नेता के चुनाव के लिए होने वाली बैठक में वरिष्ठ नेताओं राजनाथ सिंह और अरुण जेटली को पर्यवेक्षक के रूप में भेजने का फैसला किया था.
लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने अवैध खनन के मामले में येदियुरप्पा के साथ रेड्डी बंधुओं का भी नाम लिया जिससे राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई.
येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के उल्लंघन से संबंधित आरोप हैं. लोकायुक्त ने अगले कदम के लिए अपनी रिपोर्ट की एक प्रति राज्यपाल हंसराज भारद्वाज को भी सौंपी है.
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