अमेरिका ने भारत को आश्वासन दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ वह पाकिस्तान पर कड़े से कड़ा दबाव बनाएगा. पिछले हफ्ते मुंबई में हुए बम विस्फोटों के बाद आतंकवाद निरोधी कार्रवाई को अपनी सोच में सबसे अहम बात बताते हुए उसने आतंकवादी हमलों से सुरक्षा में भारत के प्रयासों के प्रति पूरा समर्थन जताया.
विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा के साथ भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता के दूसरे दौर के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि गृह सुरक्षा और आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के मुद्दे पर विशेष बल दिया गया है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष दोनों देशों को आतंकवाद से बचाने के तरीके खोज रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया गया है कि सभी तरह के हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करना उसीके हित में रहेगा. हिलेरी ने कहा, ‘‘हम इस बात में भरोसा नहीं करते कि ऐसा कोई आतंकवादी है जिसे किसी सरकार द्वारा सुरक्षित पनाह या मुक्त मार्ग प्रदान किया जाना चाहिए क्योंकि इस तरह की आतंकवादी गतिविधि को अगर नियंत्रित नहीं किया गया तो बाद में उसके नतीजों को संभालने में बहुत कठिनाई होगी.’’
कृष्णा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी विदेशी मंत्री ने कहा कि मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमलों के बाद अमेरिका ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया था कि साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने में सहयोग देना पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी है.
हिलेरी के मुताबिक अमेरिका ने समान तौर पर ही पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया है कि इस काम को पारदर्शिता से, पूरी तरह और तत्काल करने में उसकी भी विशेष वचनबद्धता होनी चाहिए.
हिलेरी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने की जरूरत है और पाकिस्तान से ऐसा करने का अनुरोध किया गया है. जाहिरा तौर पर अमेरिका और भारत क्या कर सकते हैं इसकी एक सीमा है, लेकिन हम हरसंभव तरीके से दबाव बनाते रहेंगे.’’
2008 के मुंबई आतंकी हमलों के सूत्रधारों को पाकिस्तान की ओर से न्याय के कठघरे में नहीं लाये जाने के सवालों पर अमेरिकी विदेश मंत्री प्रतिक्रिया दे रहीं थीं.
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत से अमेरिका के प्रोत्साहित होने की बात करते हुए हिलेरी ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि दोनों देशों के बीच और अधिक विश्वास पैदा करने के लिहाज से तथा आतंकवाद की समस्या से निपटने में हमारे लिए जरूरी माहौल को दर्शाने वाले कदमों को लागू करने में दोनों पक्षों को प्रोत्साहित करने के लिए यह सबसे आशाजनक तरीका है.’’
बैठक के बाद जारी एक संयुक्त वक्तव्य के मुताबिक कृष्णा और हिलेरी दोनों ने क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए और पाकिस्तान के भविष्य के लिए वहां आतंकवादियों की पनाहगाहों को समाप्त करने के महत्व पर जोर दिया.
हिलेरी ने कहा कि आतंकवाद से मुकाबले में पाकिस्तान एक प्रमुख सहयोगी है और अमेरिका ने अपने पाकिस्तानी सहयोगियों को बार-बार यह तथ्य बताया है कि आतंकवादी दोनों के लिए खतरा हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि पाकिस्तान को अपने क्षेत्र, अपनी संप्रभुता और पाकिस्तान के लोगों की सुरक्षा के लिए सबसे पहले अपने दम पर कार्रवाई करनी चाहिए.’’
हिलेरी के मुताबिक अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह पाकिस्तान के साथ समान हितों पर आधारित दीर्घकालिक संबंध चाहता है, जिसमें इस बात को भी परस्पर मान्यता हो कि वे कहीं भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों को सहन नहीं किया जा सकता है. जब भी आतंकवादियों के ठिकानों का पता चले तो उन्हें निर्दोष लोगों की जान लेने और देश की संस्थाओं पर खतरा पैदा करने से रोकने के लिए मिलकर काम करें.
उन्होंने इस ओर इशारा किया कि आतंकवाद से मुकाबले के मद्देनजर अमेरिका और भारत के बीच सहयोग केवल सूचनाओं को साझा करने तक नहीं बल्कि इसमें अभियानों के लिए विचार विमर्श, योजना और जांच भी शामिल है. उन्होंने कहा कि दोनों देश इस क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ाने जा रहे हैं.