प्रदर्शनकारियों के साथ बर्बरतापूर्ण बर्ताव के आरोप में समय-समय पर मानवाधिकार आयोग सहित विभिन्न संगठनों की आलोचना का सामने करने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस अब अपना चेहरा बदलने जा रही है. प्रदेश की पुलिस अब उग्र भीड़ पर काबू पाने के लिए नया नुस्खा अपनाने जा रही है. आंसू गैस और रबड़ बुलेट के बजाय अब मिर्ची बम का इस्तेमाल होगा.
उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए मिर्ची बम को रबड़ बुलेट और आंसू गैस से ज्यादा कारगर माना जाता है. कई मर्तबा आंसू गैस के गोले फट नहीं पाते और भीड़ पुलिस पर हावी हो जाती है. इसके अलावा आंसू गैस आंखों को नुकसान भी पहुंचाती है.
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) आर.एम.श्रीवास्तव ने कहा कि मिर्ची बम आंसू गैस की तरह ही काम करता है, लेकिन यह आंखों को नुकसान नहीं पहुंचता. मिर्ची बम फटने के बाद वहां मौजूद लोगों की आंखों में जलन होगी और वे आसानी से तितर-बितर हो जाएंगे.
श्रीवास्तव ने कहा कि कुछ राज्यों की पुलिस मिर्ची बम का इस्तेमाल पहले से कर रही है. यह भीड़ को काबू करने में आंसू गैस और रबड़ बुलेट से अधिक कारगर साबित हो रहा है. उन्होंने बताया कि पुलिस आधुनिकीकरण के क्रम में मिर्ची बम जैसे कम खतरनाक हथियार की खरीद का फैसला किया गया है. खरीदारी से पहले इसका परीक्षण और प्रदर्शन होगा. मिर्ची बम की खरीद के लिए करीब 20 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक हरियाणा की एक कम्पनी मिर्ची बम तैयार करती है. यदि पुलिस मुख्यालय मिर्ची बम खरीदने की योजना बनाता है तो उसे इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी. श्रीवास्तव ने कहा कि मिर्ची बम खरीद का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है और अनुमोदन मिलते ही खरीदारी शुरू हो जाएगी.