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केंद्र ने सवालों के साथ लौटाया यूपी विभाजन प्रस्ताव

चुनावों के मद्देनजर मायावती का यूपी को 4 राज्‍यों में बांटने का प्रस्‍ताव आज केंद्र सरकार ने राज्‍य को वापस भेज दिया है. इसी के साथ केंद्र सरकार ने राज्‍य सरकार से इस बाबत 8 सवाल भी पूछे हैं.

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यूपी विभाजन
यूपी विभाजन

चुनावों के मद्देनजर मायावती का यूपी को 4 राज्‍यों में बांटने का प्रस्‍ताव आज केंद्र सरकार ने राज्‍य को वापस भेज दिया है. इसी के साथ केंद्र सरकार ने राज्‍य सरकार से इस बाबत 8 सवाल भी पूछे हैं.

वहीं कांग्रेस ने इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश को चार राज्यों में बांटने के संदर्भ में पारित प्रस्ताव को लौटाए जाने में कुछ भी गलत नहीं है.

पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बसपा सरकार से केंद्र द्वारा अनके मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा जाना स्वाभाविक है क्योंकि कदम सभी दलों कोई चर्चा किए बिना तथा राज्य पुनर्गठन आयोग की किसी सिफारिश के बगैर उठाया गया.

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पारित प्रस्ताव को लौटाते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि उसे कई मुद्दों पर स्पष्टीकरण की जरूरत है.

केंद्र सरकार ने माया सरकार को घेरते हुए जो सवाल पूछे हैं उनका जवाब आने के बाद ही केंद्र सरकार यूपी को बंटने के प्रस्‍ताव पर गौर करेंगा. अब देखना यह होगा की माया सरकार सरकार के इन सवालों का जवाब कितने दिनों में देती है.

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केंद्र ने राज्‍य सरकार से जो सवाल पूछे हैं वो हैं:
1.
नौकरशाही का बंटवारा कैसे?
2. कर्ज के पैसे का बंटवारा कैसे?
3. बंटवारे का बोझ कौन-कैसे सहेगा?
4. सीमाएं कैसे तय की जाएगी?
5. चारों राज्यों की राजधानियां कहां होंगी?
6. पेंशन का बोझ बांटने की क्‍या योजना है?
7. राजस्व साझेदारी व्यवस्था किस तरह से होगी?

इससे पहले मायावती ने यूपी राज्य को पूर्वांचल, बुंदेलखंड, अवध प्रदेश और पश्चिम प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव विधानसभा में पास कराया है. बंटवारे के लिए मुख्यमंत्री ने तर्क दिया है कि यूपी आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़ा राज्य है.

मुख्यमंत्री का कहना है‌ कि पिछली सरकारों की गलत नीतियों के कारण राज्य का समुचित विकास नहीं हुआ. विकास के लिए प्रदेश को छोटे राज्यों विभाजित किया जाना जरूरी है.

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