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मेरे साथ हुई नाइंसाफी, पर फैसला मंजूर: वस्तानवी

दारुल उलूम देवबंद के कुलपति के पद से हटाए गए मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी ने जांच समिति के तीनों सदस्यों की ओर से पेश की गई रिपोर्ट को अधूरा करार देते हुए कहा है कि उनके खिलाफ नाइंसाफी हुई है, हालांकि उन्हें मजलिस-ए-शूरा का फैसला मंजूर है.

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मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी
मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी

दारुल उलूम देवबंद के कुलपति के पद से हटाए गए मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी ने जांच समिति के तीनों सदस्यों की ओर से पेश की गई रिपोर्ट को अधूरा करार देते हुए कहा है कि उनके खिलाफ नाइंसाफी हुई है, हालांकि उन्हें मजलिस-ए-शूरा का फैसला मंजूर है.

एक साक्षात्कार में वस्तानवी ने कहा कि इस फैसले को मैं मंजूर करता हूं. यह शूरा का फैसला है और इसके खिलाफ जाने का सवाल ही नहीं उठता. मैंने पहले भी कहा था कि शूरा का जो भी फैसला होगा, वह मुझे मंजूर होगा. वैसे मेरे साथ नाइंसाफी हुई है.

यह पूछे जाने पर कि इस फैसले के खिलाफ वह अदालत का रुख करेंगे तो उन्होंने कहा कि अदालत में जाने का सवाल ही नहीं उठता. मेरे लिए दारुल उलूम की प्रतिष्ठा बेहद अहम है. इसकी हिफाजत करना हमारा फर्ज है.

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देवबंद के वीसी वस्‍तानवी की हुई छुट्टी

वस्तानवी ने कहा कि तीनों सदस्यों की रिपोर्टों को मिलाकर जो एक रिपोर्ट सामने लाई गई, वह अधूरी थी. रिपोर्ट में मुझ पर लगाए आरोपों के बारे में तो विस्तार से बताया गया है लेकिन संस्थान में छात्रों द्वारा किये गए बवाल एवं हंगामे के कारणों और उसके दोषी लोगों की पहचान के मसले पर चुप्पी साध ली गई है. इसीलिए मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं था.

वस्तानवी ने कहा कि रिपोर्ट अगर मुकम्मल होती तो मैं इस्तीफा दे देता. शूरा ने फैसला सुनाया तो उसे मैंने मंजूर कर लिया. मेरा मानना है कि रिपोर्ट अधूरी नहीं होनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा कि मेरे दिल में दारुल उलूम के लिए बहुत इज्जत है. मैं शूरा का सदस्य बना रहूंगा. इससे अलग होने का सवाल ही नहीं है. इसी साल 10 जनवरी को उन्होंने दारुल उलूम के कुलपति पद की जिम्मेदारी संभाली थी. इसके तत्काल बाद उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था कि गुजरात के मुसलमानों को 2002 के दंगों को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए, हालांकि उन्होंने

राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने से इंकार किया था. उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हुआ.

अपनी आगे की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर वस्तानवी ने कहा कि मैं बहुत सारी चीजों से जुड़ा हूं. तालीम से मेरा लगाव गहरा है और मैं इससे आगे भी जुड़ा रहूंगा. मेरे लिए यह

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मामला यहीं खत्म हो गया.

उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि दारुल उलूम का माहौल अच्छा बना रहे. यहां सियासत नहीं होनी चाहिए. यह सिर्फ मेरे लिए ही नहीं, बल्कि पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए खासा अहम है.

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