कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने फिर एक ऐसा बयान जारी किया है जो विवाद पैदा कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस समय जरूरी हो गया है कि संसद में सुचारू कामकाज के लिए मार्शलों का इस्तेमाल किया जाए.
सिंह ने ट्वीटर पर अपने पोस्ट में लिखा कि संसद में एक दिन और बेकार चला गया. संसद में कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए 2004 से मार्शलों की संस्था का इस्तेमाल नहीं किया गया है. अब समय आ गया है कि वे इसका इस्तेमाल करें.
कांग्रेस महासचिव का ट्वीट उस समय आया है जब संसद के शीतकालीन सत्र का पहला सप्ताह अनेक मुद्दों पर अड़चनों के कारण बिना कामकाज के चला गया. इन मुद्दों में महंगाई, तेलंगाना की मांग, रिटेल में एफडीआई आदि हैं.
सिंह ने एक अन्य ट्वीट संदेश में कहा कि महंगाई पर भाजपा नेता यशवंत सिन्हा के बयान और केंद्रीय मंत्री शरद पवार पर हमले के बाद अन्ना हजारे के ‘केवल एक थप्पड़’ वाले बयान में कोई संबंध तो नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘शरद पवारजी पर कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता हूं. यशवंत सिन्हा के बयान, इस घटना, अन्ना की प्रतिक्रिया. इन सबमें कोई संबंध तो नहीं.’’ यशवंत सिन्हा ने कहा था कि ’अगर सरकार सोती रही तो महंगाई देश में हिंसा का कारण बन सकती है.’
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘ऐसी उम्मीद कभी नहीं की थी कि अन्ना शरद पवार के मामले में इस तरह की प्रतिक्रिया देंगे. यह निश्चित रूप से गांधीवादी प्रतिक्रिया नहीं थी.’ सिंह ने दो अन्य ट्वीट संदेशों में अपनी दलील को जारी रखा. उन्होंने शराबियों को पेड़ से बांधकर मारने संबंधी अन्ना के कथित बयान की भी आलोचना करते हुए कहा कि क्या हम फासीवादी युग में बढ़ रहे हैं.