भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे के अनशन के बाद अब योगगुरु बाबा रामदेव भी चार जून से दिल्ली के रामलीला मैदान पर भ्रष्टाचार मिटाओ सत्याग्रह शुरू करने जा रहे हैं.
रामदेव ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा, ‘जब तक सरकार तीन प्रमुख मांगें नहीं मानेगी, तब तक यह अनिश्चितकालीन सत्याग्रह जारी रहेगा.’ यह पूछने पर कि हज़ारे के आंदोलन के आगे सरकार के झुकने के बाद अब उन्हें भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही सत्याग्रह शुरू करने की क्या जरूरत पड़ी तो योगगुरु ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ हमने ही पांच वर्ष पहले आंदोलन शुरू किया था. भ्रष्टाचार के विरूद्ध आंदोलन पहले हमने खड़ा किया.’ उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वह इस मुद्दे पर अन्ना हज़ारे से श्रेय लेने के लिये सत्याग्रह करने जा रहे हैं.
रामदेव ने सफाई दी कि हज़ारे का आंदोलन लोकपाल विधेयक को लेकर था, जबकि उनका आंदोलन कालेधन के मुद्दे पर है. दोनों तरह के आंदोलन में किसी भी तरह का कोई विरोधाभास नहीं है. वह इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दे पाये कि क्या हज़ारे उनके आंदोलन में शामिल होंगे. इस बारे में बार-बार किये गये सवालों पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि हज़ारे आयेंगे लेकिन योगगुरु यह नहीं बता पाये कि हज़ारे सत्याग्रह में कब शामिल होंगे.
बाबा रामदेव ने हालांकि माना कि भ्रष्टाचार से निपटने के मुद्दे पर सरकार का रुख सकारात्मक है. 2-जी घोटाला, राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में भ्रष्टाचार और आदर्श सोसायटी घोटाले जैसे मामलों में कार्रवाई और गिरफ्तारियां हो रही हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार को चाहिये कि वह आर्थिक उदारीकरण के समय से पिछले 20 साल के दौरान हुए घोटालों और भ्रष्टाचार के सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करे और कालेधन की वसूली करे.
योगगुरु ने कहा कि कालेधन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखे हैं और दोनों की ओर से उन्हें सकारात्मक संकेत मिले हैं. यह पूछे जाने पर कि जब सरकार का इस मुद्दे पर रुख सकारात्मक है तो वह अपने सत्याग्रह की घोषणा वापस क्यों नहीं ले लेते तो रामदेव ने कहा, ‘सरकार कुछ बिंदुओं पर सहमत है, लेकिन कई मुद्दों पर उसने अभी कदम नहीं उठाये हैं. जब तक कालेधन को वापस लाने के लिये समयबद्ध और चरणबद्ध तथा प्रामाणिकता और प्रतिबद्धता के साथ कदम नहीं उठाये जाते, तब तक सत्याग्रह वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता.’
उन्होंने दावा किया कि भ्रष्टाचारियों ने इस देश से 400 लाख करोड़ रुपये का कालाधन विदेशों में जमा कर रखा है, जिसे वापस लाने की जरूरत है. रामदेव ने कालेधन को वसूल कर उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने, कठोर लोकपाल कानून बनाने और स्वतंत्र भारत में चल रहे ‘विदेशी तंत्र’ को खत्म करने की कुल तीन मांगों पर सत्याग्रह करने की घोषणा की है. उन्होंने इस आंदोलन के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े होने की बात से इनकार करते हुए कहा, ‘हमारे सत्याग्रह का कोई भी गुप्त, साम्प्रदायिक या राजनीतिक एजेंडा नहीं है. यह राष्ट्रधर्म और राष्ट्रप्रेम को सर्वोपरि रखकर चलाया जा रहा है.’