वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने रवीन्द्र नाथ टैगोर को ‘भारत का महापुरूष’ करार देते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह राष्ट्रवाद की राजनीति से दूर थे तथा उन्होंने सार्वभौम भाईचारे की हिमायत की थी.
मुखर्जी ने कहा कि टैगोर आध्यात्मिक रूप से महात्मा गांधी के करीब थे और दोनों लोग उस वक्त ‘अलोकप्रिय’ हो गए, जब उन्होंने दुनिया में उग्रवाद का विरोध किया. आईसीसीआर द्वारा यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘टैगोर्स विजन ऑफ द कांटेम्पररी वर्ल्ड’ को संबोधित करते हुए मंत्री ने गुरुदेव की साहित्यिक रचनाओं की पंक्तियों का उल्लेख कर शांति और प्रेम के उनके संदेश को बयां किया.
उन्होंने कहा, ‘टैगोर की रचनाएं और विचार आज की दुनिया में भी प्रासंगिक है. इस महान कवि की असाधारण रचनाएं दुनिया के विभिन्न हिस्से के लोगों को उनके जीवन, कार्य और मानवता के प्रति योगदान की सराहना करने का मौका प्रदान करता है.’ बीसवीं सदी के महान कवियों में शुमार गुरुदेव के 150वें जन्म दिवस समारोहों के तहत इस सम्मेलन का आयोजन किया गया.