सेना की एक अदालत ने पूर्व सैन्य सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अवधेश प्रकाश को आज सुकना भूमि घोटाले के तीन आरोपों में दोषी पाया.
यह घोटाला 2008 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के नजदीक सुकना सैन्य प्रतिष्ठान के नजदीक स्थित 71 एकड़ जमीन एक शैक्षणिक संस्थान के निर्माण के लिए एक निजी कारोबारी को अवैध हस्तांतरण से जुड़ा है.
अवधेश प्रकाश कोर्ट मार्शल का सामना करने वाले सेना के वरिष्ठतम अधिकारी हैं. हालांकि अदालत ने उन्हें दीवानी अपराध के चौथे आरोप में संदेह का लाभ दे दिया.नारेंगी स्थित सैन्य प्रतिष्ठान के 51 उपक्षेत्र में जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा प्रकाश को सैन्य अधिनियम की धारा 45 (अधिकारी के रूप में अपने पद का अनुचित इस्तेमाल करने) और धारा 52 (धोखाधड़ी का इरादा) के तहत पद का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया.
गत वर्ष के शुरू में सुकना भूमि घोटाले में प्रकाश की भूमिका के लिए कोर्ट ऑफ एंक्वाइरी के बाद उनका कोर्ट मार्शल हुआ.
सेना ने पूर्व में एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं 33वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीके रथ को इसी मामले में दंडित किया था. उन्हें वरिष्ठता कम करने और पेंशन का कुछ हिस्सा कम करने का दंड दिया गया था.
घोटाला सामने आने के बाद सेना को अवधेश प्रकाश और रथ सहित अन्य सैन्य अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करनी पड़ी थी.