भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) रविवार 10 अप्रैल को देशभर के 1051 परीक्षा केन्द्रों पर एक साथ दो पालियों में कराई जायेगी. इस वर्ष की परीक्षा में देशभर के चार लाख 85 हजार 262 परीक्षार्थी शामिल होंगे. इस बार परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर को सौंपी गयी है. परीक्षा परिणाम 25 मई को घोषित किए जाएंगे.
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. संजय गोविंद धांडे ने बताया कि सुचारू और शांतिपूर्वक ढंग से परीक्षायें कराने की सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं और रविवार सुबह देश के 1051 केन्द्रों पर यह परीक्षा एक साथ आरंभ होगी.
धांडे के अनुसार इस बार आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में बैठने वाली छात्राओं का प्रतिशत 28 है जबकि पिछले वर्ष आयोजित परीक्षा में 24 प्रतिशत छात्राओं ने ही हिस्सा लिया था. इस बार प्रवेश परीक्षा में कुल एक लाख 13 हजार 942 छात्र छात्रायें बैठेंगी. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा 20 हजार 546 छात्रायें मद्रास जोन से परीक्षा में शामिल हो रही हैं जबकि सबसे कम 10 हजार 555 छात्रायें आईआईटी गुवाहाटी जोन से शामिल हो रही हैं.{mospagebreak}
निदेशक ने बताया कि सर्वाधिक 185 परीक्षा केन्द्र आईआईटी मुंबई जोन के छात्र छात्राओं के लिये बनाये गये हैं जबकि सबसे कम परीक्षा केन्द्र आईआईटी गुवाहाटी जोन के लिये बनाए गए हैं जिनकी संख्या 117 है. आईआईटी कानपुर जोन के लिये 173, आईआईटी मद्रास जोन में 156 परीक्षा केन्द्र, आईआईटी दिल्ली जोन के लिये 146, आईआईटी खड़गपुर जोन के लिये 142 तथा आईआईटी रूड़की के लिये 132 परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं.
उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा के परिणाम 25 मई को घोषित कर दिये जायेंगे तथा परीक्षा में बैठने वाले सभी छात्र-छात्रायें प्रश्न पत्र के उत्तर 15 मई के बाद आईआईटी की वेबसाइट पर देख सकेंगे. 25 मई के बाद छात्र-छात्रायें अपनी खुद की उत्तर पुस्तिका को देखकर इन्टरनेट के माध्यम से देखकर यह जान सकेंगे कि उन्होंने कौन से उत्तर सही दिये और कौन गलत.
धांडे ने कहा कि आईआईटी जेईई समिति ने इस बार करीब 25 ऐसे छात्र छात्राओं को प्रवेश परीक्षा देने से रोक दिया है जिनका पिछले साल आईआईटी में प्रवेश हो गया था और उन्होंने फीस भी जमा कर दी थी लेकिन बाद में वे संस्थान में किन्हीं कारणों से पढ़ने नही आये. इससे देश के सभी आईआईटी संस्थानों में ऐसे छात्रों की सीटें खाली रह गयी थीं. {mospagebreak}
प्रवेश परीक्षा देने से रोके गये कुछ छात्रों ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली.
उन्होंने कहा कि इस बार सबसे खास बात यह है कि परीक्षार्थी परिणाम निकलने के साथ साथ अपनी अंक तालिका की स्कैन प्रति ऑनलाइन देख सकेंगे. इसके लिये उन्हें गोपनीय पास वर्ड दिया जायेगा जिसकी मदद से वे जान सकेंगे कि उन्होंने उत्तर पुस्तिका में जो लिखा था वह कितना सही और कितना गलत है. लेकिन यह सुविधा परीक्षा परिणाम 25 मई को घोषित हो जाने के बाद ही मिलेगी.