तिहाड़ जेल में रसूख वाले कई आरोपियों के आने के साथ ही जेल की रसोई से दक्षिण भारतीय व्यंजनों की महक आने लगी है. जेल के कैदियों को दक्षिण भारतीय व्यंजन पकाने का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.
तिहाड़ में जेल संख्या एक, चार और छह की कैंटीन में अब उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय व्यंजन परोसे जा रहे हैं जिनमें दोसा, उत्तपम, इडली, सांबर, तथा नारियल की चटनी शामिल है.
जेल के सूत्रों ने बताया कि जेल संख्या एक के कैंटीन के मेनू में पहली बार दक्षिण भारतीय व्यंजन तब नजर आए जब फरवरी में पूर्व दूरसंचार मंत्री तथा द्रमुक नेता ए राजा को टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में कथित भूमिका के सिलसिले में यहां बंद किया गया. पूर्व में कैदियों की इस कैंटीन में छोले भटूरे, पूड़ी सब्जी, नमकीन, समोसा, सैंडविच और चाय दी जाती थी.
सूत्रों ने बताया कि तिहाड़ जेल के बाहरी दायरे की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे तमिलनाडु विशेष पुलिस के डीएसपी के रसोइये ने जेल के उन कैदियों को दक्षिण भारतीय व्यंजन पकाने का प्रशिक्षण दिया है जो इन तीनों जेलों के कैंटीन का प्रभार संभाल रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि जब टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले में द्रमुक प्रमुख करूणानिधि की बेटी कनिमोई का नाम आया तो जेल संख्या छह की उन महिला कैदियों को तत्काल दक्षिण भारतीय व्यंजन पकाना सिखाया गया जो इस जेल की कैंटीन संभालती हैं. जेल संख्या चार में भी यही हुआ जहां कलेंगनर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार बंद हैं. कनिमोई के करीबी सहायक कुमार टू जी स्पेक्ट्रम मामले में सह षड्यंत्रकारी हैं.
सूत्रों ने यह भी बताया कि तीनों जेलों के कैंटीन में पक रहे दक्षिण भारतीय व्यंजनों को अन्य कैदी भी पसंद कर रहे हैं. कैदियों को जेल में आने पर 1,000 रूपये दिए जाते हैं और यह राशि कैंटीन से खाद्य सामग्री खरीदने के उद्देश्य से कूपन लेने के लिए पर्याप्त होती है. जेल में कैदियों को प्रति दिन तीन बार मुफ्त भोजन मुहैया कराया जाता है जिसमें रोटी, चावल, दाल और एक सब्जी होती है.