केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने संसद की कार्यवाही न चलने देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आड़े हाथों लेते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि 2014 के आम चुनाव में अपना भविष्य सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी लोकतंत्र के सिद्धांतों को 'नष्ट' कर रही है.
इंडियन चैम्बर ऑफ कामर्स के एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सिब्बल ने कहा, 'तमाम विधेयक अभी भी संसद में लम्बित हैं. लेकिन उन पर इसलिए चर्चा नहीं हो सकी, क्योंकि विपक्ष ने संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी. उन्होंने संसद में एक भी बहस नहीं होने दी.'
ज्ञात हो कि सीएजी ने हाल में अपनी रिपोर्ट में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता के कारण सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये नुकसान का अनुमान लगाया है. जिस अवधि के दौरान कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे, उस दौरान (2004-2009) केंद्रीय कोयला मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री के पास था.
बीजेपी सीएजी की रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रही है. संसद का मानसून सत्र बीजेपी द्वारा बार-बार पैदा किए गए व्यवधानों की भेंट चढ़ गया, क्योंकि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की उसकी मांग को कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने मानने से इनकार कर दिया.
सिब्बल ने कहा, 'वे 2014 के आम चुनाव बाद सत्ता में लौटने के अपने स्वार्थ के लिए लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि देश हित किसी खास पार्टी की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से कहीं ज्यादा बड़ा है.'