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साईं के दरबार में सोने, चांदी, रुपयों की बरसात

शिरडी में साल 2011 में भक्तों ने चढ़ावे में अरबों रुपये चढ़ाए हैं. सिर्फ एक साल का आंकड़ा पांच सौ करोड़ के करीब है.

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कहते हैं ऊपरवाला देता है तो छप्पड़ फाड़ कर देता है. शिरडी में साईं के दरबार से भी कोई खाली हाथ नहीं लौटता लेकिन इस बार भक्तों ने भी साईं की भक्ति में कोई कसर बाकी नहीं रखी. शिरडी में साल 2011 में भक्तों ने चढ़ावे में अरबों रुपये चढ़ाए हैं. सिर्फ एक साल का आंकड़ा पांच सौ करोड़ के करीब है. यानी कहना पड़ेगा कि गॉड तुस्सी मालामाल हो.

सबकी मुराद पूरी करने वाले साईं की झोली कभी खाली नहीं होती. साईं सबकी झोली भरते हैं. लेकिन इस बार तो साईं के भक्तों की भक्ति ऐसी छलकी है कि साईं का खजाना मालामाल हो गया. साईं की झोली में चढ़ावा चढ़ाने की बात हो तो भक्त भी पीछे नहीं रहते.

शिरडी साईं के दरबार में इस बार आया है रिकॉर्ड चढावा. सोने चांदी जवाहरात और धन की ऐसी बारिश हुई है कि उसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो गया. चढ़ावे में आए रुपयों को गिनते गिनते लोग थक गए और आंकड़ा सैकड़ों करोड़ों में पहुंच गया.

साल 2011 में शिरडी साईं के भक्तों की भक्ति का पिछला सारा रिकॉर्ड टूट गया. शिरडी संस्थान के मुताबिक 2011 में भक्तों ने सबसे ज्यादा चढ़ावे चढ़ाए.

किसी ने साईं को सोने का मुकुट दिया तो किसी ने सोने का सिंहासन. किसी ने चांदी की बेशकीमती आभूषण दिए तो किसी ने करोड़ों की संपत्ति. कोई करोड़ों का गुप्तदान करके चला गया तो किसी ने अपनी पूरी जायदाद भगवान के हवाले कर दी. वाकई जिस साईं ने अपनी जिंदगी फकीरों की तरह बिताया उसी साईं पर इस साल भक्तों ने चढ़ावों की बरसात कर दी.

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