उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव फतह करने के बाद उत्साह से लबरेज समाजवादी पार्टी (सपा) वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. इसलिए पार्टी अभी से तैयारियों में जुट गई है.
प्रदेश से कम से कम 50 सीटें जीतने का लक्ष्य बनाने वाली सपा लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मामले में प्रदेश के अन्य सभी दलों से अधिक सक्रिय नजर आ रही है.
पिछले दो चुनाव में सांसदों की अपेक्षाकृत अच्छी संख्या होने के बावजूद केंद्र सरकार में हिस्सा न बनने वाली सपा की योजना वर्ष 2014 के आम चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की है. इसलिए पार्टी पूरी तैयारी और रणनीति के साथ मैदान में उतरना चाहती है.
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश में सपा के सत्तासीन होने के बाद से अखिलेश सरकार पर चुनावी वादे जल्द से जल्द पूरा कराने का लगातार दबाव बना रहे हैं, ताकि उसका लाभ लोकसभा चुनाव में मिल सके.
लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर सपा ने हाल में 58 लोकसभा सीटों पर पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं, जिनकी जिम्मेदारी सम्बंधित क्षेत्र में स्थानीय कार्यकर्ताओं, नेताओं और आम लोगों का मन टटोल कर शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट देने की है, जिसके आधार पर मजबूत प्रत्याशी का चयन किया जाएगा.
लोकसभा चुनाव की तैयारियों के क्रम में ही सपा ने 31 जुलाई से पांच अगस्त तक लखनऊ में नेताओं की अलग-अलग बैठकें बुलाई हैं, जिनकी अध्यक्षता सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव करेंगे. सबसे पहले 31 जुलाई को सपा विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों की बैठक बुलाई गई है. चार अगस्त को पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक आयोजित होगी और पांच अगस्त को जिला-महानगर अध्यक्षों और प्रकोष्ठों की बैठक होगी. कहा जा रहा है कि इन बैठकों में मुलायम पार्टी नेताओं को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे.
सपा की योजना अगले साल की शुरुआत तक लगभग सभी लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर देने की है, ताकि हर प्रत्याशी को 2014 में होने वाले चुनाव से पहले तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तैयारियों के मामले में अभी तक सूबे के दूसरे दल-बहुजन समाज पार्टी (बसपा), भारतीय जनता पार्टी(भाजपा), कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अधिक सक्रिय नहीं दिख रहे हैं.
मुलायम का लक्ष्य प्रदेश से कम से कम 50 सीटें जीतकर हालिया विधानसभा चुनाव जैसी सफलता दोहराने का है. उन्होंने हाल में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा था, 'आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सत्ता में आना लगभग नामुमिकन है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी कमजोर ही नजर आ रही है. ऐसे में वर्तमान राजनीतिक परिस्थियों में तीसरे मोर्चे के आसार प्रबल हैं.'
राजनीतिक चिंतक रमेश दीक्षित ने कहा, 'मुलायम को पता है कि तीसरा मोर्चा बनने की स्थिति में यदि सपा के पास 50 के करीब सांसद रहे तो पार्टी मोर्चे की अगुवाई कर केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका तो अदा कर ही सकेगी, साथ ही उनके (मुलायम) प्रधानमंत्री बनने के सपने को भी पंख लगने की सम्भावना प्रबल हो जाएगी. इसिलए वह आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते.'