सरकारी भूमि अधिग्रहण पर सुप्रीमकोर्ट ने दिया है एतिहासिक फैसला. अदालत के मुताबिक सरकार उचित मुआवजा देकर जनहित में ही भूमि अधिग्रहण कर सकती है.
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अदालत के मुताबिक अधिग्रहण जनहित में है या नहीं ये साबित करना सरकारी की जिम्मेदारी है. देविका रानी रोरिक बनाम कर्नाटक सरकार मुकदमें में सुप्रीमकोर्ट ने ये फैसला दिया है.
फैसले की वजह से देविका रानी रोरिक पक्ष को 1000 करोड़ की जायदाद वापस मिलेगी जबकि इस जायदाद का अधिग्रहण करने वाली कर्नाटक सरकार को मुंह की खानी पड़ी है.
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मशहूर फिल्म अभिनेत्री देविका रानी को उनके रूसी मूल के पति रोरिक से 465 एकड़ की जायदाद मिली थी. ये संपत्ति केटी प्लांटेशन को ट्रांसफर कर दी गयी थी.
बाद में कर्नाटक सरकार ने इसका अधिग्रहण कर लिया था. केटी प्लांटेशन कर्नाटक सरकार के खिलाफ अदालत में गया और अब वो पूरी जमीन एक बार फिर केटी प्लांटेशन को मिल गयी है. पर इस फैसले ने भूमि अधिग्रहण के तमाम मुकदमों को दिशा दी है.
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