सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने चुनींदा परिपक्वता वाली जमा और कर्ज पर ब्याज दर में चौथाई फीसदी तक वृद्धि कर दी है. रिजर्व बैंक की मौद्रिक एवं ऋण नीति की तीसरी तिमाही समीक्षा पिछले महीने के अंत में जारी होने के बाद स्टेट बैंक ने यह कदम उठाया है.
बैंक ने एक वक्तव्य में कहा गया है कि उसने अपनी आधार दर 0.25 प्रतिशत बढाकर 8.25 प्रतिशत कर दी है. आधार दर में इस वृद्धि के बाद बैंक के सभी तरह के रिण महंगे हो जायेंगे. स्टेट बैंक ने इसके साथ ही अपनी बैंचमार्क प्रधान ब्याज दर (बीपीएलआर) दर को भी 0.25 प्रतिशत वृद्धि के साथ 13 प्रतिशत कर दिया.
मौजूदा कर्जदारों के कर्ज पर इसका असर होगा. बैंक ने कुछ चुनींदा अवधि की जमाओं पर भी ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत अंक की वृद्धि की है. बैंक की 555 दिन और 1,000 दिन की सावधि जमाओं पर अब नौ प्रतिशत के बजाय 9.25 प्रतिशत तक ब्याज दिया जायेगा. नई दरें 14 फरवरी से लागू होंगी. {mospagebreak}
रिजर्व बैंक ने गत 25 जनवरी को जारी मौद्रिक एवं ऋण नीति की तिमाही समीक्षा में बैंकों के साथ अल्पकालिक लेनदेन वाली रेपो और रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत अंक वृद्धि कर दी थी. उसके बाद से कई बैंकों ने अपनी आधार और बीपीएलआर दरों में विभिन्न स्तरों पर वृद्धि की है.
पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ बडौदा, यूनियन बैंक आफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक सहित सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के कई बैंक अपनी ब्याज दरों में वृद्धि कर चुके हैं. सावधि जमाओं पर ब्याज बढने से जहां एक तरफ बचत करने वालों को ज्यादा ब्याज मिलेगा वहीं दूसरी तरफ आवास एवं वाहन के लिये कर्ज लेने वालों की भुगतान की मासिक किस्तें बढ़ जायेंगी.
इसी बीच भारती स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक आर श्रीधरन ने कोलकाता में कहा कि बैंक के ऋण कारोबार में चालू वित्त वर्ष में 19 प्रतिशत तक वृद्धि होने की संभावना है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘चालू वित्त वर्ष में साख (बैंक द्वारा दिए गए ऋण) में 18 से 19 प्रतिशत की वृद्धि होगी.’