भारत में रूस के राजदूत एलेक्जेंडर कदाकिन ने अपने देश में गीता पर प्रतिबंध की मुहिम चलाने वालों को 'मूर्ख' करार देते हुए स्पष्ट किया है कि रूस के धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां सभी धर्मो के लोगों का समान आदर है.
गीता पर प्रतिबंध लगाने के सम्बंध में साइबेरिया के तामस्क शहर की अदालत में चल रहे मुकदमे पर विवाद के बाद मंगलवार को एक बयान जारी कर कदाकिन ने कहा, "विभिन्न विश्वासों के धार्मिक ग्रंथ, चाहे वह बाइबिल हो या पवित्र कुरान, तोराह, अवेस्ता और भगवद् गीता हो, भारत सहित दुनिभर के लोगों के लिए ज्ञान का स्रोत है."
उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि किसी भी पवित्र ग्रंथ को अदालत में ले जाना गलत है. सभी धर्म के लोगों के लिए ये ग्रंथ पवित्र हैं. इनका परीक्षण वैज्ञानिक गोष्ठियों, कांग्रेस, सेमिनार आदि में होना चाहिए, न कि अदालतों में."
उन्होंने इस पर 'आश्चर्य' जताया कि ऐसी घटना साइबेरिया के तामस्क शहर में हो रही है, जो धर्मनिरपेक्षता एवं धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाना जाता है.
गीता पर प्रतिबंध लगाने की मुहिम चला रहे लोगों की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि तामस्क में भी कुछ मूर्ख व बेवकूफ किस्म के लोग हैं."