दिल्ली की तैराकी सनसनी रिचा मिश्रा ने महिला तैराकी में दो और स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतकर चौंतीसवें राष्ट्रीय खेलों में अब तक कुल 11 स्वर्ण दो रजत और एक कांस्य पदक जीत लिये हैं और वह 1999 के राष्ट्रीय खेलों में सर्वाधिक 11 स्वर्ण पदक जीतने के मणिपुर की निशा मिलेट के कीर्तिमान को तोड़ने के करीब पहुंच गयी है.
रिचा मिश्रा ने तरणताल में शुक्रवार को छठें दिन भी अपनी धूम बनाये रखी और 400 मीटर फ्रीस्टाइल तथा 200 मीटर व्यक्तिगत मेडल में दो स्वर्ण पदक जीते जबकि 50 मीटर बैक स्ट्रोक में उसे कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.
रिचा ने भी 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले में नया राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया और यह प्रतियोगिता उसने 2:26.90 मिनट में जीती. इस प्रतियोगिता का राष्ट्रीय कीर्तिमान इससे पहले भी उसने ही 2002 में बनाया था और यह 2:28.56 मिनट का था.
आज के इस राष्ट्रीय कीर्तिमान के साथ रिचा मिश्रा ने अब तक 34वें राष्ट्रीय खेलों में कुल छह राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किये हैं.
रिचा मिश्रा ने अपने दो और स्वर्ण पदकों के साथ अब तक कुल 11 स्वर्ण पदक दो रजत और एक कांस्य पदक समेत कुल 14 पदक जीत लिये हैं और वह किसी एक राष्ट्रीय खेल में सर्वाधिक ग्यारह स्वर्ण जीतने के मणिपुर की निशा मिलेट के 1999 के कीर्तिमान को तोड़ने की ओर अग्रसर है.{mospagebreak}
रिचा मिश्रा ने महिलाओं की चार सौ मीटर फ्रीस्टाइल प्रतियोगिता 4:35.36 मिनट में पूरी कर जीती. इस प्रतियोगिता में दूसरा स्थान गांवा की तलाश प्रभु का रहा जिसने स्पर्धा 4:39.67 मिनट में पूरी की और तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र की आरती घोरपडे रही जिसने 4:41.64 मिनट का समय लिया. रिचा ने 200 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी में कर्नाटक की पूजा आर अल्वा को पराजित किया जिसने यह दूरी 2:31.66 मिनट में पूरी की.
रिचा ने पचास मीटर बैक स्ट्रोक प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता. उसने यह दूरी 33.09 सेकेंड में पूरी की जबकि इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक महाराष्ट्र की अवन्तिका चवन ने दूरी 32.10 सेकेंड में तय कर जीता. इस प्रतियोगिता का रजत पदक महाराष्ट्र की आरती घोरपड़े ने 32.89 सेकेंड में दूरी तय कर जीता.
इससे पहले रिचा मिश्रा ने कल भी तरण ताल में दो स्वर्ण पदक जीते थे. कल उसने 1500 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी में 18:14.79 मिनट में स्वर्ण पदक जीता था जबकि महिलाओं की 100 मीटर बैक स्ट्रोक में उसने 1:09.22 मिनट का समय निकाल कर स्वर्ण पदक जीता था.
रिचा मिश्रा ने इससे पहले चौंतीसवें राष्ट्रीय खेलों में चौथे दिन भी तरण ताल में ऐतिहासिक स्वर्णिम प्रदर्शन जारी रखते हुए दो सौ मीटर बटरफ्लाई प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर अपने स्वर्ण पदकों की संख्या सात और कुल पदकों की संख्या आठ कर ली थी. रिचा मिश्रा ने दो सौ मीटर बटलफ्लाई प्रतियोगिता में कर्नाटक की पूजा आर अल्वा को हराकर अपना सातवां स्वर्ण पदक जीता था. इस प्रतियोगिता में अल्वा को रजत और महाराष्ट्र की रूजुता भट को कांस्य पदक मिला था.{mospagebreak}
इससे पूर्व चार सौ मीटर मेडल तथा 200 मीटर बैक स्ट्रोक में नये राष्ट्रीय कीर्तिमानों के साथ दो और स्वर्ण पदक तथा एक रजत पदक जीतकर रिचा ने 15 फरवरी को अपने पदकों की संख्या सात कर ली थी जिनमें छह स्वर्ण पदक शामिल थे.
रिचा मिश्रा ने 15 फरवरी को महिलाओं की चार सौ मीटर व्यक्तिगत मेडले तैराकी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 5.9:47 सेकेंड में दूरी तय कर नया राष्ट्रीय कीर्तिमान बनाया और स्वर्ण पदक जीता. इससे पहले इस स्पर्धा का राष्ट्रीय कीर्तिमान 5.9:91 मिनट का था.
इसके अलावा उसी दिन रिचा मिश्रा ने दो सौ मीटर बैक स्ट्रोक तैराकी में 2007 का अपना ही कीर्तिमान तोड़ते हुए नया राष्ट्रीय कीर्तिमान बनाया और 2.26:82 मिनट में दूरी तय कर स्वर्ण पदक जीता था.
पहले इस प्रतियोगिता का उनका कीर्तिमान 2.29:34 मिनट का था. रिचा ने महाराष्ट्र की अनन्या पाणिग्रही को इस प्रतियोगिता में लगभग ढाई सेकेंड के अंतर से पछाड़ा था.
रिचा मिश्रा ने 15 फरवरी को ही 50 मीटर की फ्री स्टाइल तैराकी में रजत पदक जीता था और वह सेकेंड के आधे से कम हिस्से से ही वह गोवा की तलाश प्रभु से पीछे रह गयी थीं. इससे पूर्व सोमवार को 800 मीटर फ्री स्टाइल में एक और नये राष्ट्रीय कीर्तिमान के साथ स्वर्ण जीतकर रिचा ने अपने स्वर्ण पदकों की कुल संख्या चार तक पहुंचा दी थी.{mospagebreak}
उसने 800 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी में 9.24:45 मिनट का समय निकाल कर न सिर्फ एक और स्वर्ण पदक अपने और दिल्ली के खाते में जोड़ा था बल्कि इस स्पर्धा का राष्ट्रीय कीर्तिमान भी तोड़ दिया था.
इससे पहले रिचा ने राष्ट्रीय खेलों के पहले दिन व्यक्तिगत स्पर्धाओं में तीन अन्य स्वर्ण पदक जीते थे. रिचा ने गुवाहाटी राष्ट्रीय खेलों में आठ स्वर्ण पदक जीते थे और अपने उस रिकार्ड को वह पहले ही तोड़ चुकी है.
उन्होंने कहा कि अभी उन्हें दो स्पर्धाओं में और भाग लेना है और उनमें भी वह स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करेंगी जिससे एक नया राष्ट्रीय कीर्तिमान बनाया जा सके.