राज ठाकरे की नफरत नीति ने फिर से आग उगलनी शुरू कर दी है. 15 अप्रैल को मुंबई में बिहार दिवस समारोह का आयोजन है, जिसमे नीतीश कुमार शामिल हो सकते हैं, लेकिन राज ठाकरे ने धमकी दी है कि नीतीश कुमार 15 तारीख को मुंबई आकर तो दिखाएं.
हैरानी की बात यह भी है कि राज ठाकरे की इस नफरत नीति से उद्धव ठाकरे भी इत्तेफाक जता रहे हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे खुलेआम धमकी दे रहें है कि अगर उन्हें महाराष्ट्र या मुंबई में कार्यक्रम करना है, तो यहां मराठी मानुष का वीज़ा लेना ही होगा.
दरअसल मामला है बिहार राज्य के गठन होने के 100 साल पूरे होने पर 15 अप्रैल को मुंबई में बिहार दिवस समारोह मनाने का. माना जा रहा है कि इसमे हिस्सा लेने के लिए नीतीश कुमार मुंबई आ सकते हैं, लेकिन हमेशा से महाराष्ट्र और मराठी मानुष का सबसे बड़ा रखवाला होने का दावा करने वाले राज ठाकरे ने नीतीश कुमार को सीधी चुनौती देते हुए कहा है कि वो 15 अप्रैल को मुंबई में बिहार दिवस समारोह मनाकर दिखाएं.
राज ठाकरे ने पलटवार किया है नीतीश कुमार के उस बयान पर, जब 9 अप्रैल को उन्होंने कहा था कि मुंबई जाने के लिए उन्हें किसी वीजा की जरूरत नहीं है. ये बात किसी से छिपी नहीं है कि महाराष्ट्र की सियासत में भाषा, संस्कृति औऱ प्रांत का मुद्दा खत्म नहीं हुआ है.
शायद तभी भाई राज ठाकरे की इस कड़वाहट में एनडीए के सहयोगी दल शिव सेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी सुर से सुर मिला रहे हैं.
मजबूरी उद्धव ठाकरे के सामने भी है. शायद डर है कि कहीं मराठी मानुष के पैरोकार का खिताब राज ठाकरे अकेले ही न ले जाएं. वैसे मुंबई में बिहार दिवस समारोह के मुद्दे और उसमें शामिल होने के लिए नीतीश कुमार के आने के कयासों के बीच राज ठाकरे ने तो सीधे-सीधे महाराष्ट्र सरकार को ही इसे न रोकने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दे डाली.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे पिछले कई दिनों से खबरों से गायब थे और इन बेतुका बयानों को सुनने के बाद तो यही लगता है कि उन्होंने फिर से सुर्खियों में आने का अच्छा तरीका चुना है. अब इंतजार है 15 अप्रैल का, जब होगा दो राजनेताओं का घमासान.