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आज अलीगढ़ में राहुल करेंगे किसान महापंचायत

राहुल की पदयात्रा के बाद बारी है किसान महापंचायत की. अलीगढ़ का नुमाइश मैदान इसके लिए तैयार है जहां एक लाख लोगों के जुटने की उम्मीद है. राहुल गांधी दिल्ली से चलकर यहां पहुंचेंगे और किसानों से सीधा संवाद करेंगे.

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राहुल की पदयात्रा के बाद बारी है किसान महापंचायत की. अलीगढ़ का नुमाइश मैदान इसके लिए तैयार है जहां एक लाख लोगों के जुटने की उम्मीद है. राहुल गांधी दिल्ली से चलकर यहां पहुंचेंगे और किसानों से सीधा संवाद करेंगे.

राहुल गांधी ने चार दिन जिस मकसद के लिए गांवों की धूल फांकी उसका आख़िरी पड़ाव है अलीगढ़. किसान महापंचायत के लिए नुमाइश मैदान ज़ोरदार तैयारियां हैं. राहुल गांधी दिल्ली से चलकर अलीगढ़ पहुंचेंगे. दिन में 11 बजे से महापंचायत शुरू होनी है जो शाम 5 बजे तक चलेगी. पास के ही एक होटल के कमरे को कंट्रोल रुम बनाया गया है जिसमें इंटरनेट, फैक्स और टेलीफोन की व्यवस्था है. मैदान में 1 लाख लोगों के बैठने के इंतज़ाम किए गए हैं और तीन मंच बनाए गए हैं जिनमें से एक मंच ख़ास तौर पर राहुल गांधी के लिए है.

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अलीगढ़ प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बेहद सतर्क है. महापंचायत के दौरान नुमाइश मैदान के भीतर और आस-पास बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं. शांति व्यवस्था बनाए और भीड़ को काबू में रखने पर ख़ास ज़ोर रहेगा. डॉग स्क्वॉड और बम निरोधक दस्ता भी मौजूद होगा. एक ओर माया सरकार, दूसरी तरफ़ राहुल की चुनौती, तैयारियां दोनों तरफ़ से पूरी हैं. देखना है किसान महापंचायत के इस मंच से आज क्या-क्या निकलता है.

राहुल गांधी ने पिछले 4 दिनों में तीन ज़िलों के कई गांवों का रास्ता नापा और क़रीब 70 किलोमीटर पैदल चले. हौसला भी मिला और मुश्किलें भी आईं. लेकिन चौथे और आख़िरी दिन भी राहुल का वही जोश नज़र आया, जो पहले दिन था.पिछले 4 दिनों तक यूपी से लेकर दिल्ली तक, किसान, ज़मीन और मुआवज़े का शोर रहा. चौथे दिन 6 गांवों का दौरा करते हुए शाम के वक्त राहुल गांधी मथुरा के बाजना गांव पहुंचे, और किसानों से अपनी बात कही.

5 जून को सुबह ग्रेटर नोएडा के भट्टा-परसौल गांव से राहुल गांधी ने अपनी यात्रा शुरू की थी. हर दिन वे 15 से 20 किलोमीटर पैदल चले. ग्रेटर नोएडा से अलीगढ़, अलीगढ़ से मथुरा. 4 दिनों में राहुल ने तीनों ज़िलों के 25 गांवों की ज़मीन नापी. भट्टा परसौल से मथुरा के बाजना गांव तक उन्होंने क़रीब 70 किलोमीटर का सफ़र पैदल तय किया. चौथे दिन अलीगढ़ ज़िले में घंघौली गांव से चांदपुर खुर्द के रास्ते में राहुल के काफिले की एक गाड़ी कीचड़ में फंस गई. जिसे ट्रैक्टर के खींचकर निकाला गया.

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इस यात्रा में राहुल ने कई रंग देखे. कहीं कच्चे-पक्के रास्तों की मुश्किल. तो कहीं तीखे सवालों से सामना. मथुरा से चलकर राहुल का काफ़िला आधी रात के क़रीब दिल्ली आ पहुंचा. पहले मथुरा में ही उनका रात्रि-विश्राम का कार्यक्रम था, लेकिन कुछ दिक्कतों के चलते कार्यक्रम बदला गया और वे रातों-रात दिल्ली चले आए.

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