झारखंड के राज्यपाल डा. सैय्यद अहमद ने यहां यह कह कर सबको चौंका दिया कि भारतीय राजनीति में राहुल गांधी एक नई आवाज बनकर उभरे हैं.
अहमद ने राजभवन में संसदीय राजनीतिक कोश नामक पुस्तक के विमोचन के लिये आयोजित कार्यक्रम में उस समय सबको चौंका दिया जब उन्होंने साफगोई से कहा कि देश की राजनीति को एक नई दिशा की आवश्यकता है और राहुल गांधी देश की राजनीति में एक नई आवाज बन कर उभरे हैं जिनसे सभी को बडी उम्मीदें हैं.
चन्द्रेश्वर कुमार द्वारा बिहार और झारखंड विधानसभा के पिछले साठ वर्षों के इतिहास के प्रमुख विधायकों और नेताओं के जीवन और कार्य के बारे में लिखी गयी इस पुस्तक के विमोचन के बाद अपने संबोधन में जब राज्यपाल देश की राजनीति में युवाओं के शामिल होने की आवश्यकता बता रहे थे उसी समय उन्होंने राहुल गांधी के बारे में यह टिप्पणी की.
बाद में इस बारे में कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और राजनीतिज्ञों से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा कभी कभी नहीं चाहते हुये भी हो जाता है और निश्चित तौर पर राज्यपाल ने जानबूझ कर यह बात नहीं की है.
राज्यपाल अहमद ने इस अवसर पर कहा कि सियासत कई स्थानों पर खिद्मत न होकर तिजारत हो गई है. उन्होंने कहा कि देश के नौजवानों को बडी संख्या में सियासत में शामिल होना चाहिये क्योंकि अपने को संवारने के साथ ही उनकी जिम्मेदारी है कि वह देश की तकदीर भी संवारें.
राज्यपाल अहमद ने कहा कि लोगों को अपने देश को भी संवारना चाहिये. उन्होंने स्पष्ट किया कि संवारने से यह कतई मतलब नहीं है कि अपनी धन सम्पत्ति बढ़ाओ, बल्कि उनका आशय है कि अपना तथा देश का समग्र विकास करना चाहिये. उन्होंने कहा कि मुंबई के नागपाड़ा इलाके से वह आठ बार विधानसभा चुनाव जीते हैं और ऐसा वह एक आम कार्यकर्ता बनकर लोगों को काम करने के कारण ही कर सके हैं.
इस अवसर पर केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने मीडिया से राजनीति के अच्छे लोगों और उनके अच्छे कार्यों को भी जनता के सामने लाने को कहा. उन्होंने कहा कि यदि मीडिया संसदीय कार्यवाहियों में हंगामे को महत्व देना बंद कर दे तो संसद और विधानसभाओं में अधिकतर हंगामे बंद हो जायेंगे.
शुक्ला ने आरोप लगाया कि आज अधिकतर नेता मीडिया के माध्यम से सस्ता प्रचार पाने के लिये ही संसदीय और विधायी कार्यों में हुडदंग करते हैं.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी नेताओं में मीडिया के इशारों पर काम करने की प्रवृत्ति की बात कही और मीडिया और राजनीतिज्ञों से मिलजुल कर इस प्रवृत्ति पर काबू पाने का आह्वान किया.
विधानसभाध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह ने भारतीय लोकतंत्र की प्रशंसा करते हुये कहा कि भारत की पहचान यहां का लोकतंत्र है और इसको मजबूत करने के लिये सभी को मिलजुलकर प्रयास करना होगा.