बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी द्वारा संचालित कंपनियों को संदेहास्पद वित्तपोषण के आरोपों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को इस पूरे विवाद से खुद को अलग कर लिया.
उसने कहा कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन किसी अवैध गतिविधि में लिप्त है तो उसके खिलाफ निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जो दोषी पाये जाएं, अवश्य दंडित हों. संघ ने कहा कि उसे गडकरी को लेकर चल रहे विवाद से कोई लेना देना नहीं है. इस विवाद पर बयान जारी करते हुए संघ ने कहा कि वह संगठन (संघ) को इस विवाद में घसीटने के प्रयासों से दुखी है.
मामले को राजनीतिक रंग ना दिया जाए
संघ के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने कहा कि हमें इन विवादों में संघ का नाम घसीटे जाने के प्रयासों से काफी अफसोस है. जोशी का यह बयान उन मीडिया खबरों के बाद आया है, जिनमें दावा किया गया है कि संघ गडकरी के बचाव की कोशिश कर रहा है. विवाद शुरू होने से पहले गडकरी का लगातार दूसरी बार बीजेपी अध्यक्ष बनना तय समझा जा रहा था. इसके लिए पार्टी के विधान में संशोधन भी कर लिया गया है.
अधिकृत एजेंसी से जांच होना बाकी
जोशी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मीडिया कुछ नेताओं के निगमित मामलों में कुछ अनियमितताओं के आरोप लगा रहा है. इन आरोपों की ओर आम लोगों का काफी ध्यान आकृष्ट हुआ है.
जोशी ने कहा कि जो आरोप लग रहे हैं, केवल मीडिया की ओर से आये हैं. अभी किसी अधिकृत एजेंसी को इन आरोपों की जांच करना बाकी है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन आरोपों को लेकर हो रही भाषणबाजी अधिकांशतया राजनीतिक हो गयी है. संघ ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई गैर राजनीतिक स्तर पर बिना किसी पक्षपात के होनी चाहिए.