केन्द्रीय जेलों के बंदी अब सप्ताह में दो बार अपने परिजनों से टेलीफोन पर बात कर सकेंगे. हालांकि बातचीत की अधिकतम पांच मिनट की अवधि होगी.
जेल विभाग ने इस संबंध में महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाओं को जारी परिपत्र में कहा है कि टेलीफोन पर बात करने की सुविधा केन्द्रीय जेलों में सजा भुगत रहे ऐसे दंडित बंदियों को ही उपलब्ध होगी, जिनका घर केन्द्रीय जेल से 50 किलोमीटर या इससे अधिक की दूरी पर स्थित हो. यह सुविधा 10 वर्ष से अधिक और आजीवन कारावास से दंडित बंदियों को ही उपलब्ध होगी और सजा प्रारंभ होने के दिन से इसकी पात्रता होगी.
परिपत्र में कहा गया है कि यह सुविधा उन्हीं बंदियों को मिलेगी जिनका सजा अवधि के दौरान जेल में अच्छा आचरण पाया जाएगा और जो किसी जेल अपराध अथवा अन्य दंडनीय अपराध में दंडित नहीं होंगे. यह सुविधा परिजनों, मित्रों अथवा अभिभावकों का फोन आने पर केवल इनकमिंग टेलीफोन संयंत्र पर उपलब्ध होगी.
परिपत्र के अनुसार इस बातचीत के दौरान यदि ऐसी कोई बात की जाएगी, जिससे जेल की सुरक्षा को खतरा हो अथवा कैदी कोई अनुचित बातचीत कर रहा हो तो वहां तैनात कर्मचारी तत्काल फोन काट कर इसकी सूचना संबंधित अधिकारी को देंगे. जांच में अनियमितता प्रमाणित होने पर संबंधित बंदी को इस सुविधा से वंचित कर दिया जाएगा और जेल आपराध दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी.