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बढ़ सकते हैं पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के दाम

आपकी जेब पर बोझ और बढ़ने जा रहा है. पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी लगभग तय मानी जा रही है. पेट्रोल और डीजल के दाम जहां 3.50 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ सकते हैं, वहीं एलपीजी के दामों में 25 से 50 रुपये तक की वृद्धि हो सकती है.

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आपकी जेब पर बोझ और बढ़ने जा रहा है. पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी लगभग तय मानी जा रही है. पेट्रोल और डीजल के दाम जहां 3.50 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ सकते हैं, वहीं एलपीजी के दामों में 25 से 50 रुपये तक की वृद्धि हो सकती है. मंत्रियों का एक समूह सोमवार को पेट्रोलियम की कीमतों में बढ़ोतरी पर विचार करेगा. हालांकि, केरोसिन की कीमतों में वृद्धि मामूली ही होने की संभावना है.

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) की सोमवार दोपहर को बैठक होने जा रही है, जिसमें किरीट पारिख समिति की सिफारिशों पर विचार किया जाएगा. समिति ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने तथा एलपीजी और केरोसिन के दामों में भारी वृद्धि का सुझाव दिया है.

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पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘आयातित मूल्य से सस्ता ईंधन बेच पाना अब संभव नहीं है. यदि कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होती है, तो सरकार को पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और केरोसिन को आयातित मूल्य से कम पर बेचने के कारण होने वाले 72,300 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई के लिए कोई रास्ता निकालना होगा.’’ इस बात की काफी हद तक संभावना है कि पेट्रोल कीमतों को नियंत्रण मुक्त कर दिया जाए. वित्त मंत्री संभवत: डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने की बात भी रखेंगे. डीजल देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ईंधन है और इसका परिवहन क्षेत्र में इस्तेमाल होता है तथा इसका मुद्रास्फीतिक असर भी होता है.{mospagebreak}

अधिकारी ने कहा कि डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त किए जाने का फैसला बहुत हद तक सरकार की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी पर निर्भर करेगा. ‘‘यदि ममता राजी हो जाती हैं, तो डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त किया जा सकता है.’’ इसी तरह घरेलू एलपीजी की कीमतों में भी 50 रुपये तक प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी तय मानी जा रही है. हालंकि, ममता और अन्य सहयोगियों का दबाव पड़ने पर यह बढ़ोतरी कम हो सकती है.

राजनीतिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले केरोसिन यानी मिट्टी के तेल की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी ईजीओएम में रखा जा सकता है. ईजीओएम को पेट्रोल को नियंत्रणमुक्त करने के लिए इसकी कीमतों में 3.35 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करनी होगी, जबकि डीजल की कीमतों को नियंत्रणमुक्त करने के लिए मूल्यवृद्धि 3.49 रुपये प्रति लीटर की होगी.

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दिल्ली में पेट्रोल की कीमत फिलहाल 47.93 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल की कीमत 38.10 रुपये प्रति लीटर है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम करीब दस डालर घटकर 72 से 74 डालर प्रति बैरल पर आ जाने के बाद सरकार के लिए ईंधन की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करना आसान होगा.{mospagebreak}

अधिकारी ने बताया कि पिछले सप्ताह तक पेट्रोल की कीमतों में 6.07 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल के मूल्य में 6.38 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जरूरत थी. कीमतों में इतनी बढ़ोतरी खासकर डीजल के दाम एक बार में इतने ज्यादा बढ़ाना सरकार के लिए राजनीतिक दृष्टि से मुश्किल होगा. पर अब जिस वृद्धि की जरूरत है, वह काफी उचित है.

सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन आयल कारपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम को ईंधन को लागत से कम मूल्य मूल्य पर बेचने से रोजाना 203 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. ये कंपनियां फिलहाल पेट्रोल 3.35 रुपये प्रति लीटर के नुकसान से बेच रही हैं. डीजल की बिक्री 3.49 रुपये प्रति लीटर के नुकसान, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये केरोसिन को 18.82 रुपये प्रति लीटर तथा 14.2 किलोग्राम के एलपीजी को 261.90 रुपये प्रति सिलेंडर के घाटे पर बेचा जा रहा है.

अधिकारी ने कहा कि ईजीओएम पारिख समिति की केरोसिन की कीमत को छह रुपये प्रति लीटर तथा एलपीजी की कीमत को 100 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाने के सुझाव को संभवत: नहीं मानेगा. कीमतों में बढ़ोतरी इससे कम होगी.

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ईंधन पर ईजीओएम में मुखर्जी के अलावा पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा, कृषि मंत्री शरद पवार, रसायन एवं उर्वरक मंत्री एम के अलागिरी, रेल मंत्री ममता बनर्जी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री कमलनाथ और योजना आयोग केक उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया शामिल हैं.

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