दिल्ली उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी को डीएनए जांच कराने के लिए खून का नमूना नहीं देने के अदालत के आदेश की अवहेलना पर फटकार लगाई है.
अदालत ने 31 वर्षीय एक युवक द्वारा तिवारी को अपना पिता बताए जाने संबंधी दावों की पुष्टि के लिए उनसे डीएनए जांच कराने को कहा था.
न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने तिवारी के वकील से 85 वर्षीय नेता के मेडिकल रिकार्ड 11 जुलाई को पेश करने को कहा.
उन्होंने तिवारी के वकील से कहा कि हम आपको अदालत के आदेश की अवहेलना नहीं करने देंगे. यह धारणा नहीं बनने दी जा सकती कि आप इस तरीके से अदालत के आदेश की अवहेलना कर सकते हैं. अदालत ने कहा कि जब तक रक्त का नमूना देने के कुछ चिकित्सकीय कारण नहीं होंगे, तिवारी को इस तरह से अनुमति नहीं दी जा सकती.
न्यायमूर्ति गीता ने कहा कि मेरे शब्दों पर ध्यान दीजिए, हर गलत दलील पर आप पर जुर्माना लगाया जाएगा और मैं इस मामले को स्थगित नहीं करुंगी. रक्त का नमूना दिये जाने के बाद ही आपकी अर्जी पर सुनवाई होगी.