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थॉमस मामले पर प्रधानमंत्री ने कहा, मैं फैसले की जिम्‍मेदारी लेता हूं

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में मुख्य सतर्कता आयुक्त के पद पर पी जे थॉमस की नियुक्ति की पूरी जिम्मेदारी और जवाबदेही ली.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में मुख्य सतर्कता आयुक्त के पद पर पी जे थॉमस की नियुक्ति की पूरी जिम्मेदारी और जवाबदेही ली.

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस पद के लिए छांटे गए व्यक्तियों की सूची कार्मिक विभाग के राज्य मंत्री ने तैयार की थी. प्रधानमंत्री ने उच्च सदन में यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि कार्मिक विभाग सीधे उनके तहत आता है इसलिए वह सीवीसी मुद्दे की पूरी जिम्मेदारी और जवाबदेही लेते हैं.

थॉमस की नियुक्ति के बारे में हाल ही में आए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सदन में अपनी ओर से दिए गए एक बयान में सिंह ने कहा कि उन्हें थॉमस के खिलाफ पामोलिन तेल आयात मामले में जांच लंबित होने के बारे में सबसे पहली बार जानकारी उच्चाधिकार समिति की बैठक के दौरान ही मिली थी.

उन्होंने कहा कि यह जानकारी उन्हें विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज से मिली जो सीवीसी को नियुक्त करने वाली समिति की सदस्य थीं. प्रधानमंत्री के अनुसार, उनका मानना था कि चूंकि थॉमस पूर्व में केरल के मुख्य सचिव और केंद्र सरकार के सचिव रह चुके थे इसलिए उनके संबंध में सतर्कता संबंधी पहलुओं पर पहले ही गौर किया जा चुका होगा. {mospagebreak}

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गौरतलब है कि सोमवार को प्रधानमंत्री ने लोकसभा में केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति के फैसले में चूक की बात स्वीकारते हुए इसकी जिम्मेदारी ली थी और कहा था कि वह अदालत के फैसले को स्वीकार करते हैं और उसका सम्मान करते हैं.

प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा, ‘शीर्ष अदालत ने निर्णय सुनाया है. हम उच्च्तम न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हैं और उसका सम्मान करते हैं. नये सीवीसी को नियुक्त करते समय सरकार अदालत के दिशानिर्देशों का ध्यान रखेगी.’ उन्होंने कहा कि माननीय उच्च्तम न्यायालय ने सामिति की सिफारिशों को कानून सम्मत नहीं पाया है और सीवीसी के रूप में थॉमस की नियुक्ति को रद्द कर दिया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) का पद आठ सितंबर 2010 को प्रत्युष सिन्हा के कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली होना था. सीवीसी कानून 2003 के तहत प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और विपक्ष की नेता की सदस्यता वाली समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति सीवीसी की नियुक्ति करता है. {mospagebreak}

उन्होंने कहा कि तीन सितंबर 2010 को समिति की बैठक हुई जिसमें विपक्ष की नेता ने असहमति का रुख व्यक्त किया. समिति की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रपति ने पी जे थॉमस को सीवीसी के रूप में नियुक्त किया और उन्होंने सात सिंतबर 2010 को शपथ ली.

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प्रधानमंत्री के बयान के बाद विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सरकार से जानना चाहा कि सीवीसी संबंधी निर्णय के लिए कौन जवाबदेह है. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने सरकार से जानना चाहा कि छांटे गये लोगों की सूची कार्मिक मंत्रालय या प्रधानमंत्री कार्यालय कहां से तैयार की गयी थी.

भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि पूरा देश जानना चाहता है कि इस निर्णय के लिए कौन जिम्मेदार है. विपक्षी सदस्यों के स्पष्टीकरण के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्मिक मंत्रालय उनके अधीन होने के कारण वह इस पूरे मामले की जिम्मेदारी लेते हैं.

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