जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक पर हुए हमलों की निंदा करते हुए कहा कि यह देश की लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है.
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘‘यह देश की लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है, जहां बोलने की आजादी है. यह भले ही कोई बात नापसंद हो, लेकिन यह एक अधिकार है, जिसका सम्मान और जिसके संरक्षण की जरूरत है.’’
उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र की ताकत इसकी सहिष्णुता के मूल्यों में है और किसी असंतुष्ट को निडरता से अपनी बात रखने देने से देश का लोकतांत्रिक तानाबाना ही मजबूत होता है. उमर ने कहा, ‘‘हमारा लोकतंत्र एक परिपक्व लोकतंत्र है और राजनीतिक असंतोष तथा अलग अलग विचारों को ग्रहण करने की क्षमता रखता है, इसलिए हमें सभी लोगों को उनकी आवाज एक लोकतांत्रिक तरीके से सुनने का मौका देना चाहिए.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि मीरवाइज और उनके सहयोगी बिलाल गनी लोन समय-समय पर केंद्र सरकार के साथ बातचीत में शामिल रहे हैं, जो दोनों ही उग्रवाद का शिकार रहे हैं और जिनके पिता आतंकवादियों की गोली से मारे गये.