आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने 39 सदस्यों वाले नए मंत्रिमंडल का गठन किया. नए मंत्रिमंडल में पूर्व की रोसैया सरकार में मंत्री रहे जगनमोहन रेड्डी के समर्थक दो मंत्रियों सहित पांच लोगों की छुट्टी कर दी गई है. उम्मीद के मुताबिक जगन के चाचा को भी नए मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है.
गौरतलब है कि कांग्रेस से बगावती तेवर अपनाते हुए जगन और उनकी मां, पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं.
नए मंत्रिमंडल से जगन के दो समर्थकों बालीनेनी श्रीनिवास रेड्डी और पिल्ली सुभाष चन्द्र बोस को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इसके अलावा, चित्तूर जिले में किरण कुमार के कट्टर विरोधी पी आर रेड्डी को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है.
जगन के चाचा और पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के छोटे भाई विवेकानंद रेड्डी को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. विवेकानंद विधानपरिषद के ऐसे अकेले सदस्य हैं जिन्हें मंत्री बनाया गया है.
किरण कुमार के नए मंत्रिमंडल में 11 नए चेहरों को जगह मिली है. इनमें से सात पहली बार मंत्री बने हैं. मंत्रिमंडल में शामिल सभी मंत्रियों को राजभवन में एक समारोह में राज्यपाल ई एस एल नरसिंहन द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई.
शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री के रोसैया सहित अन्य नेता उपस्थित थे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में के जेना रेड्डी, डी एल रविन्द्र रेड्डी, काशु वेंकट कृष्ण रेड्डी और पी शंकर राव की जहां मंत्रिमंडल में वापसी हुई है वहीं एक अन्य वरिष्ठ नेता गोडे वेंकट रेड्डी को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी.
एक बदलाव के साथ गुंटुर जिले से सर्वाधिक चार सदस्यों ने मंत्रिमंडल में जगह बनाने में कामयाबी पाई. इसके बाद हैदराबाद, मेदक और कडप्पा का स्थान रहा जहां से तीन-तीन सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. आदिलाबाद से एकमात्र कांग्रेस विधायक को एक बार फिर मंत्री बनने को लेकर निराशा हाथ लगी.
मुख्यमंत्री किरण कुमार राज भवन जाने से पहले शपथ ग्रहण समारोह के कार्यक्रम के निर्धारण को लेकर सुबह नौ बज कर 52 मिनट पर राज्य सचिवालय स्थित समांथा ब्लाक में अपने सरकारी कार्यालय पहुंचे. गौरतलब है कि पच्चीस नवंबर को किरण कुमार ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी.