स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण को निराशाजनक करार देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में हुई हिंसा पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया और कहा कि वह बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर अपनी सरकार की नीति स्पष्ट करें.
मोदी ने 66वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री पर असम और मुंबई में हुई हिंसा के मामले में दोहरा मानदंड अपनाने का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुंबई में हुई हिंसा पर प्रधानमंत्री ने चुप्पी क्यों साध ली जबकि असम में हिंसक प्रदर्शनों पर गहरा दुख व्यक्त किया? यह दोहरा मानदंड क्यों? ऐसी गंभीर घटना पर देश का प्रधानमंत्री चुप कैसे रह सकता है?’
मोदी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी, देश यह जानना चाहता है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में क्या सोच रहे हैं? आपकी नीतियां क्या हैं? क्या भारत में बांग्लादेशियों की ही ज्यादा सुनी जाएंगी?’ भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री का भाषण एक मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि एक आम आदमी की तरह सुना है और इससे वह काफी निराश हुए.
मुख्यमंत्री ने इस बात पर हैरत जतायी कि प्रधानमंत्री यह कह सकते हैं कि ‘कीमतों में इजाफा हो सकता है’ और गठबंधन की मजबूरियां गिना सकते हैं.