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सरकार भाषणबाजी से आगे काम करेगी: केजरीवाल

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा अन्ना हज़ारे पक्ष को आड़े हाथ लिये जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने उम्मीद जतायी कि संसद के शीतकालीन सत्र में लोकपाल विधेयक पारित हो जायेगा और सरकार महज़ भाषणबाजी तक सीमित नहीं रहेगी.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा अन्ना हज़ारे पक्ष को आड़े हाथ लिये जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने उम्मीद जतायी कि संसद के शीतकालीन सत्र में लोकपाल विधेयक पारित हो जायेगा और सरकार महज़ भाषणबाजी तक सीमित नहीं रहेगी.

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी सरकार की ओर से प्रभावी और मजबूत लोकपाल विधेयक बनाने का वादा किए जाने के बावजूद इस मुद्दे पर शोर शराबा करने के लिये हज़ारे-पक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि ‘महज भाषणबाजी’ करने या ‘दूसरों पर उंगली उठाने’ से भ्रष्टाचार उन्मूलन नहीं हो सकता है.

सोनिया की इन टिप्पणियों पर केजरीवाल ने वक्तव्य जारी कर कहा, ‘हम सोनिया गांधी के वक्तव्य का स्वागत करते हैं. हम पूरी ईमानदारी से यह उम्मीद रखते हैं कि सरकार मजबूत और प्रभावी लोकपाल बनाने की उनकी (सोनिया की) प्रतिबद्धता का सम्मान करेगी. ..सरकार की ओर से भी महज भाषणबाजी पर्याप्त नहीं होगी.’

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संप्रग अध्यक्ष सोनिया ने उत्तराखंड के गोचर-चमोली में कहा, ‘सभी यह जानते हैं कि प्रधानमंत्री और हमारी पार्टी ने बार-बार कहा है कि हम प्रभावी और मजबूत लोकपाल विधेयक के पक्ष में हैं. यह विधेयक संसद में पेश होगा और हम उस पर अमल करायेंगे. इसके बावजूद यह हो-हंगामा क्यों हो रहा है.’ उधर, हज़ारे के आंदोलन की कोर समिति के सदस्य संजय सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष की इन टिप्पणियों पर ऐतराज जताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार से सिर्फ भाषणों के जरिये नहीं निपटा जा सकता.

सिंह ने ही सोनिया के निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली में लोकपाल के मुद्दे पर सर्वेक्षण कराया था.

संजय सिंह ने कहा, ‘यह कानून संघर्ष के जरिये बनाया जा रहा है. हम हमारे नेताओं पर पिछले 42 वर्ष से विश्वास करते आये हैं लेकिन उन्होंने कानून नहीं बनाया. सोनिया गांधी कह रही हैं कि सिर्फ भाषणों से भला नहीं होगा. इन दिनों नेता ही बातें करते हैं लेकिन काम नहीं करते, यही कारण है कि हमें सड़कों पर उतरना पड़ता है.’

उन्होंने कहा, ‘अगर उन्होंने काम नहीं किया और इस बार भी विधेयक पारित नहीं किया तो हमें फिर सड़कों पर उतरना पड़ेगा.’ सोनिया की इस टिप्पणी पर कि जब प्रधानमंत्री आश्वासन दे चुके हैं तो इस मुद्दे पर इतना हंगामा क्यों है, उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के इरादे सही नहीं हैं.

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उन्होंने कहा, ‘अगर उनके इरादे ठीक होते तो वे जनशिकायत निवारण के लिये अलग विधेयक नहीं लाते.’

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