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स्मारक घोटाले की जांच लोकायुक्त को

उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्ववर्ती बसपा राज में लखनऊ और नोएडा में स्मारकों एवं पार्कों के निर्माण के लिये पत्थरों की आपूर्ति में हुई कथित अनियमितताओं की जांच लोकायुक्त को सौंपने के लिये अधिसूचना जारी कर दी है.

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उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्ववर्ती बसपा राज में लखनऊ और नोएडा में स्मारकों एवं पार्कों के निर्माण के लिये पत्थरों की आपूर्ति में हुई कथित अनियमितताओं की जांच लोकायुक्त को सौंपने के लिये अधिसूचना जारी कर दी है.

लोकायुक्त संगठन के अनुसचिव ए के सिंघल ने बताया ‘स्मारकों एवं पार्कों के निर्माण के लिये पत्थरों की आपूर्ति में कथित अनियमितता की जांच लोकायुक्त से कराने के लिये प्रदेश सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है और वह लोकायुक्त संगठन को प्राप्त हो गयी है.‘ सिंघल ने बताया, ‘सामान्य प्रक्रिया के अनुसार किसी जांच में संबंधित पक्षों का हलफनामा प्राप्त करने जैसी बहुत सी कानूनी औपचारिकतायें पूरी करनी होती हैं, मगर अधिसूचना के बाद उनकी जररत नहीं पड़ती.‘ उल्लेखनीय है कि प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एन के मेहरोत्रा ने राज्य सरकार को जून में लिखे एक पत्र में सूबे की पूर्ववर्ती मायावती सरकार के कार्यकाल में लखनऊ तथा नोएडा में स्मारकों एवं पार्कों के निर्माण के लिये पत्थरों की आपूर्ति में हुई कथित अनियमितताओं की जांच के लिये अधिसूचना जारी करने तथा विशेषज्ञ एजेंसी की मदद उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.

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लोकायुक्त मेहरोत्रा ने राज्य सरकार से आग्रह किया था, ‘चूंकि यह विभिन्न विभागों तथा गैर सरकारी लोगों से जुड़ी बड़ी जांच का मामला है, इसलिये लोकायुक्त अधिनियम की धारा 18 के तहत अधिसूचना जारी की जाये और जांच में मदद के लिये किसी ऐसी एजेंसी की सेवाएं उपलब्ध कराई जाए जिसके पास पुलिस की शक्तियां भी हों.’

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने सूबे की पूर्ववर्ती मायावती सरकार के कार्यकाल में लखनऊ तथा नोएडा में स्मारकों एवं पार्कों के निर्माण के लिये पत्थरों की खरीद तथा आपूर्ति में हुई कथित अनियमितताओं की सतर्कता विभाग से करायी गयी शुरुआती जांच के बाद लोकायुक्त से इस मामले की तफ्तीश करने को कहा था.

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