पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल ने नाफरमानी वाला रुख कायम रखने वाले अपने विधायक मनप्रीत सिंह बादल को बुधवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इस फैसले से एक सप्ताह पहले ही उन्हें वित्त मंत्री पद से हटाया गया था.
मनप्रीत सब्सिडी और केंद्र के कथित कर्ज माफी प्रस्ताव पर पार्टी लाइन से अलग बयानबाजी कर रहे थे. शिरोमणि अकाली दल के सचिव दलजीत चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भतीजे मनप्रीत को अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की सिफारिशों के बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किया गया है.
गिद्देराबाह से चार बार से विधायक 48 वर्षीय मनप्रीत के खिलाफ यह कार्रवाई तब की गयी जब वह अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के समक्ष बुधवार को हाजिर नहीं हुए. सशर्त कर्ज माफी के केंद्र के कथित प्रस्ताव पर पार्टी से मतभेद होने के बाद समिति ने उन्हें पिछले सप्ताह कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इससे पहले दिन में मनप्रीत के नाफरमानी वाले रुख का सामना कर रही शिरोमणि अकाली दल की इस समिति ने विधायक को पार्टी से निष्कासित कर देने की सिफारिश की थी. {mospagebreak}
पंजाब में छाये आतंकवाद के दौरान लिये गये कर्ज को सशर्त माफ कर देने के केंद्र के कथित प्रस्ताव और सब्सिडी के मुद्दे पर पार्टी आलाकमान से मतभेद होने के बाद मनप्रीत को 13 अक्तूबर को मंत्री पद से हटा दिया गया था और पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. समिति ने 11 अक्तूबर को मनप्रीत से कहा था कि वह उसके समक्ष 20 अक्टूबर को हाजिर हो जायें और इस दौरान किसी भी मुद्दे पर कोई सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करें.
बहरहाल, मनप्रीत कर्ज माफी के बदले में सब्सिडी खत्म कर देने के अपने विचारों पर कायम रहे और उन्होंने घोषणा की कि वह समिति के समक्ष हाजिर नहीं होंगे. समिति के अध्यक्ष रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने कहा, ‘हमने मनप्रीत को सुबह 11 बजे तक हाजिर होने को कहा था लेकिन हमने दोपहर डेढ़ बजे तक इंतजार किया. उन्होंने हमारे समक्ष हाजिर होने की परवाह नहीं की. {mospagebreak}
साथ ही, उन्होंने अपने भाई सुखबीर सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल की कोर समिति के खिलाफ बयान भी दिये. वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि मनप्रीत को पार्टी से निष्कासित कर देने का फैसला ‘सर्वसम्मति’ से किया गया है. ब्रह्मपुरा ने कहा, ‘मनप्रीत ने सुखबीर और शिरोमणि अकाली दल की कोर समिति के सदस्यों के खिलाफ निंदात्मक बयान दिये हैं.’
लेकिन बर्खास्त मंत्री ने कहा था कि वह शिरोमणि अकाली दल में रहते हुए ही अपनी जंग जारी रखेंगे. उधर, चीमा ने कहा कि पार्टी ने मनप्रीत के रिश्तेदार जगबीर सिंह बरार और एक अन्य विधायक मनजिंदर सिंह कांग को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. मनप्रीत का पक्ष लेने वाले एक अन्य विधायक संत अजीत सिंह मंगलवार को रोपड़ जिले में सुखबीर से मुलाकात करने के बाद अपने रुख से पलट गये थे.