भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के शासन के दौरान मनमोहन सिंह ने खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रस्ताव की आलोचना की थी और 2002 में उन्होंने महाराष्ट्र के व्यापारी महासंघ से कहा था कि ऐसे निवेश को आमंत्रित करने का सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है.
अपने ब्लॉग पर लिखी ताजा टिप्पणी में आडवाणी ने कहा कि पिछले सप्ताह हुई भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आर्थिक प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान महाराष्ट्र व्यापारी महासंघ के नाम मनमोहन सिंह के पत्र का जिक्र किया गया था.
उन्होंने कहा कि व्यापारी महासंघ ने मनमोहन सिंह को अपनी चिंता से अवगत कराया था. उस वक्त (2002 में) मनमोहन राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे. 21, दिसम्बर 2002 को लिखे अपने पत्र में उन्होंने व्यापारी महासंघ को बताया था कि एफडीआई का मुद्दा दो दिन पहले राज्यसभा में उठाया गया है.
आडवाणी ने उस पत्र में मनमोहन सिंह के लिखे शब्द उद्धृत किए हैं, 'राजग सरकार का खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आमंत्रित करने का प्रस्ताव नहीं है'. भाजपा नेता ने कहा कि फॉरेन ट्रेड कमेटी ऑफ फेडरेशन के अध्यक्ष सी.टी. शांघवी ने खुदरा कारोबार में एफडीआई की पखवाड़े भर हुई आलोचना के लिए मनमोहन सिंह को जिम्मेदार ठहराया था. शांघवी ने अपने पत्र में कहा कि 2002-03 में मनमोहन सिंह के साथ बैठक से पहले भी फेडरेशन ने विस्तृत ब्योरा पेश किया था, लेकिन बैठक के दौरान मनमोहन ने स्पष्ट रूप से कहा, 'हमें खुदरा कारोबार में एफडीआई की अनुमति नहीं देनी चाहिए.'
गौरतलब है कि आडवाणी के ब्लॉग पर प्रधानमंत्री के बारे में टिप्पणी ठीक उसी दिन आई है, जब केंद्र सरकार के कड़वे आर्थिक फैसलों के विरुद्ध तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल से नई दिल्ली आकर रैली की.