पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कुरान के पन्नों को कथित रूप से जलाए जाने पर एक मदरसे के छात्र को ईश निन्दा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. कहा जा रहा है कि यह छात्र इन पन्नों को अपवित्र होने से बचाने के लिए जला रहा था.
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मीडिया में आई खबर के अनुसार चकवाल की इमदादिया मस्जिद से जुड़े मदरसे का 20 वर्षीय छात्र जुनैद अहमद सोमवार को कुरान के पृष्ठों को जला रहा था कि उसे कुछ लोगों ने देख लिया. उन्होंने उसे बुरी तरह पीटा और उसके खिलाफ ईशनिन्दा का मामला दर्ज करा दिया.
डॉन अखबार के मुताबिक अटक जिला निवासी अहमद तहरीक खुद्दम अहल ए सुन्नत के मुफ्ती जमीलुर रहमान द्वारा संचालित मदरसे का छात्र है. उसने एक शिक्षक से कुरान के फटे पन्नों को उस कुएं में ले जाने की अनुमति मांगी जो इस तरह की पवित्र चीजों को संरक्षित रखने के लिए बना है.
जब अहमद कुएं पर पहुंचा तो उसने देखा कि यह पहले से ही भरा पड़ा था और कुरान के कुछ फटे पन्ने इधर उधर बिखरे पड़े थे. अहमद के साथी छात्रों ने कहा कि उन्हें सिखाया गया है कि कुरान के फटे पन्नों को यदि गाड़ना नदी या समुद्र में विसर्जित करना संभव नहीं हो तो इन्हें जलाया जा सकता है.
अख्तर निसार नाम के एक व्यक्ति ने अहमद को कुरान के पन्ने जलाते देखा और उसने शोर मचाकर लोगों को एकत्र कर लिया.
पुलिस ने जब अहमद को मजिस्ट्रेट एहतेशाम मुकारब की अदालत में पेश किया तो उसने न्यायाधीश को बताया कि वह एक धर्मनिष्ठ मुस्लिम है और कुरान का अपमान करने की सोच भी नहीं सकता. डरे हुए युवक ने कहा, ‘यदि मुझे यह पता होता कि इस कृत्य को ईशनिन्दा माना जाएगा तो मैं यह कभी नहीं करता.’
अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में झेलम जेल भेज दिया. पुलिस युवक के खिलाफ आगामी दिनों में चालान या आरोप पत्र दायर करेगी.
अहमद के वकील काजी उमर ने कहा, ‘पुलिस ने यह घोर अन्याय किया है जो जल्दबाजी में प्राथमिकी दर्ज कर ली और लड़के को अदालत में पेश कर दिया.’ अहमद के मदरसा प्रमुख ने उसका बचाव किया और अदालत में मामला लड़ने का संकल्प किया.