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IPS हत्या की CBI जांच करायेगी सरकार

मध्य प्रदेश सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी नरेन्द्र कुमार की कथित हत्या मामले की सीबीआई से जांच के लिए केन्द्र से आग्रह करने का निर्णय लिया है.

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मध्य प्रदेश सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी नरेन्द्र कुमार की कथित हत्या मामले की सीबीआई से जांच के लिए केन्द्र से आग्रह करने का निर्णय लिया है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘दिवंगत आईपीएस नरेन्द्र कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी मधुरानी की इच्छा एवं भावना का आदर करते हुए हमने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने के लिए केन्द्र को पत्र भेजने का फैसला लिया है.’

यह पूछने पर कि सदन में स्थगन प्रस्ताव को लेकर जब प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सीबीआई जांच की मांग पर अड़ा था, तो उन्होने यह घोषणा क्यों नहीं की, चौहान ने कहा कि हमने तो अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी से आग्रह किया था कि हम प्रश्नकाल रोककर विपक्ष के कामरोको प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा था और वह चर्चा से पहले सीबीआई जांच की घोषणा पर अड़ा हुआ था. यदि प्रस्ताव पर चर्चा होती, तो हम सदन में उत्तर के समय इस निर्णय की जानकारी देते.

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चौहान ने कहा कि सरकार की पूरी सहानुभूति आईपीएस अफसर के परिवार के साथ है और उनकी पत्नी मधुरानी इस प्रदेश की बेटी और मेरी बहन हैं. उनसे मेरी बात हुई है और उनकी इच्छा इस मामले की सीबीआई जांच कराने की है, इसलिए हम उनकी भावना का आदर करते हुए केन्द्र सरकार को इसकी सीबीआई जांच कराने को लेकर पत्र भेज रहे हैं. यह पूछने पर कि अब मामले की न्यायिक जांच संबंधी सरकार के फैसले का क्या होगा, उन्होने कहा कि इसके लिए सरकार ने उच्च न्यायालय को पत्र भेजकर किसी वर्तमान न्यायाधीश से जांच का आग्रह किया है, लेकिन अब सीबीआई जांच के लिए केन्द्र को पत्र भेजने के निर्णय के बाद वैधानिक स्थिति क्या होगी, इसका वह परीक्षण कराएगी.

एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी मधुरानी से बात हुई है और वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का मध्यप्रदेश कैडर नहीं बदलने के लिए तैयार हैं. इससे पहले मधुरानी ने मीडिया से कहा था कि वह अपना आईएएस कैडर बदलना चाहती हैं.

उन्होने कहा कि सरकार उनकी सीबीआई जांच की मांग पर इसलिए सहमत हुई है, क्योंकि वह चाहती है कि उनकी (मधुरानी) इच्छा एवं भावना के अनुरूप उन्हें न्याय मिले.

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