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लोकायुक्त अदालत ने येदियुरप्पा, अन्य के खिलाफ जारी किया समन

पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के लिए नई परेशानी पैदा करते हुए कुछ भूखंडों को कथित तौर पर अपने परिवार के सदस्यों के लिए गैर अधिसूचित करने के मामले में लोकायुक्त की विशेष अदालत ने उनके और 14 अन्य के खिलाफ 27 अगस्त को अदालत में हाजिर होने का समन जारी किया.

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बीएस येदियुरप्पा
बीएस येदियुरप्पा

बैंगलोर की एक अदालत ने कथित भूमि एवं उत्खनन घोटालों के सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा और पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ जनता दल (एस) नेता एच. डी. कुमारस्वामी को आज समन जारी किए जो कर्नाटक के इतिहास में पहली ऐसी घटना है.

अवैध खनन पर कर्नाटक के लोकायुक्त की रिपोर्ट में आरोपित होने के बाद पिछले ही हफ्ते मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य हुए येदियुरप्पा के लिए उस समय नई परेशानी पैदा हो गई जब लोकायुक्त की विशेष अदालत ने अपने परिवार के सदस्यों के लिए कथित तौर पर कुछ भूखंडों को गैर अधिसूचित करने के मामले में उनके और 14 अन्य के खिलाफ 27 अगस्त को अदालत में हाजिर होने का समन जारी किया.

अदालत का यह आदेश वकील सिराजिन बाशा की निजी शिकायत पर आया. न्यायाधीश सुधीन्द्र राव ने येदियुरप्पा और अन्य को 27 अगस्त को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया. अपनी शिकायत में बाशा ने आरोप लगाया कि येदियुरप्पा बैंगलोर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की ओर से अधिग्रहित भूमि के गैर-अधिसूचिकरण में अनियमितता में संलिप्त रहे.

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शिकायत में बाशा ने आरोप लगाया कि येदियुरप्पा ने कायदे-कानून का उल्लंघन करते हुए बैंगलोर के दक्षिण तालुक के अराकेरे गांव में 2.5 एकड़ जमीन, देवारचिक्कानाहली गांव में 1.7 एकड़ और बैंगलोर पूर्वी तालुक के गेडालाहल्ली गांव में 1.21 एकड़ जमीन को गैर-अधिसूचित किया.

येदियुरप्पा को उस समय एक और झटका तब लगा जब विशेष अदालत ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को इस आरोप की जांच के आदेश दे दिए कि वरिष्ठ भाजपा नेता के परिवार की ओर से शिमोगा में चलाए जा रहे एक शैक्षिक न्यास ने एक उत्खनन फर्म से 10 करोड़ रुपये लिए हैं.

लोकायुक्त की एक अदालत ने कथित तौर पर अवैध तरीके से खनन लाइसेंस जारी करने और एक निजी हाउसिंग सोसाइटी को भूमि प्रदान करने की शिकायतों को लेकर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी एवं दो अन्य को भी समन जारी कर 30 अगस्त को अदालत में पेश होने को कहा है.

विशेष न्यायाधीश सुधीन्द्र राव ने कुमारस्वामी की पत्नी अनिता और खनन कंपनी जनतक्कल माइनिंग कंपनी को समन जारी करने का भी आदेश दिया. कुमारस्वामी पर दो घंटे के अंदर इस कंपनी का उत्खनन पट्टा नवीकृत करने की सिफारिश करने का आरोप है.

अधिवक्ता विनोद कुमार ने निजी शिकायत दर्ज करा कर आरोप लगाया था कि कुमारस्वामी ने नियमों का उल्लंघन कर जनतक्कल कंपनी को खनन लाइसेंस जारी करने की सिफारिश की थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान हाउसिंग सोसाइटी के पक्ष में भूमि आवंटित किए जाने के बाद उनकी पत्नी को बदले में एक आवासीय स्थल देकर फायदा पहुंचाया गया था.

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एक अन्य मामले में विशेष लोकायुक्त अदालत ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड भूमि घोटाले में येदियुरप्पा सरकार में मंत्री रहे कट्टा सुब्रमण्या नायडू, उनके बैंगलोर नगर पाषर्द पुत्र जगदीश और आईटीएएसकेए साफ्टवेयर कंपनी के प्रबंध निदेशक श्रीनिवास की जमानत याचिका रद्द कर दी.

नायडू, उनके पुत्र और अन्य पर यह भी आरोप हैं कि उन्होंने उन लोगों के लिए मुआवजा हासिल करने में अनियमितता बरती जिनकी जमीनें अधिग्रहित की गई. उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने हाल ही में येदियुरप्पा के दामाद सोहन कुमार द्वारा दायर की गई सभी पांच याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिसमें निचली अदालत के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया गया था.

न्यायालय में याचिकाओं के खारिज होने के साथ ही शिकायत पर लोकायुक्त अदालत के आगे बढने का रास्ता साफ हो गया. राज्यपाल एचआर भारद्धाज से तत्कालीन मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद बाशा और एक अन्य वकील केएन बलराज ने लोकायुक्त अदालत में शिकायत दर्ज की थी.

एक अन्य घटनाक्रम में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा की उस याचिका पर उन्हें अवैध उत्खनन पर लोकायुक्त रिपोर्ट की एक प्रति पेश करने को कहा जिसमें उन्होंने खुद को (येदियुरप्पा को) आरोपित करने वाली रिपोर्ट का एक हिस्सा निरस्त करने का आग्रह किया था.

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न्यायमूर्ति के. एल. मंजूनाथ और न्यायमूर्ति केंपन्ना की एक खंडपीठ ने इसे 10 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया. उल्लेखनीय है कि दो अगस्त को येदियुरप्पा ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की जिसमें उन्होंने लोकायुक्त रिपोर्ट का अध्याय 22 निरस्त करने का आग्रह किया था.

रिपोर्ट के इस अध्याय में पूर्व मुख्यमंत्री पर एक उत्खनन फर्म से 10 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया गया है। इसमें उनके परिवार पर एक दूसरी उत्खनन कंपनी के हाथों अपनी जमीन ‘‘बेहद बढ़ी चढ़ी’’ कीमत पर बेचने का आरोप लगाया गया है.

अपनी याचिका में येदियुरप्पा ने कहा है कि लोकायुक्त रिपोर्ट में उनके खिलाफ उल्लेख जांच की शर्तों के दायरे के बाहर है. उसे 2000 से 19 जुलाई 2010 के बीच की अवैध उत्खनन की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपनी पड़ी थी. गौरतलब है कि अवैध खनन पर कर्नाटक के लोकायुक्त की रिपोर्ट में आरोपित होने के बाद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. रिपोर्ट में कुमारस्वामी का नाम भी शामिल है.


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