सीआईए द्वारा आईएसआई पर भरोसा नहीं किए जाने को रेखांकित करते हुए अमेरिका के एक शीर्ष दैनिक ने कहा है कि पाकिस्तान को 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद जारी की गयी चेतावनी की तर्ज पर ही फिर से अल्टीमेटम दिए जाने की जरूरत है.
दी वाल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा, ‘9/11 के आतंकवादी हमले के मद्देनजर बुश प्रशासन ने विदेश मंत्री कोलिन पावेल को इस्लामाबाद को यह बताने भेजा था कि अमेरिका अपनी रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने जा रहा है और पाकिस्तान को यह तय करना होगा कि वह किसकी ओर है. पाकिस्तान के समक्ष एक बार फिर से यही विकल्प पेश किए जाने की जरूरत है.’
इस बात को रेखांकित करते हुए कि वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच रिश्ते कभी भी आसान नहीं रहे हैं, जर्नल ने लिखा है कि पाकिस्तान का व्यवहार उदाहरण योग्य नहीं रहा है. इसने आगे लिखा है, ‘पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निदेशालय के लंबे समय से लश्कर ए तय्यबा और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी समूहों के साथ रिश्ते रहे हैं.’
दैनिक ने साथ ही यह भी लिखा है कि पाकिस्तान का अमेरिकी सहयोग दोतरफा रहा है. इसने लिखा, ‘सरकार और सेना ने क्वेटा शुरा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जो तालिबान नेता मुल्ला उमर के अभियान का पाकिस्तान में मुख्य केन्द्र है.’