प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव के एक बयान से सियासत गरमा गई है. शरद यादव ने लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बताया है. हालांकि उनके बयान पर सियासत बढ़ने के बाद उन्होंने अपनी बातों का रुख पलट दिया.
शरद यादव इस बयान के बाद विवादों में फंस गए, जिससे ऐसा लगता है कि उन्होंने अगले आम चुनाव बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का समर्थन किया.
एनडीए के समन्वयक शरद यादव ने गुरुवार सुबह कहा था कि देश का इतिहास यह बताता है कि आमतौर पर बुजुर्ग उम्मीदवार देश के प्रधानमंत्री बनते हैं और आडवाणी एक वरिष्ठ तथा अनुभवी व्यक्ति हैं.
इस बयान के बाद मीडिया के वर्ग में यह कहते हुए दिखाया गया कि शरद यादव ने राजग उम्मीदवार के रूप में आडवाणी का समर्थन किया. इसके बाद जदयू अध्यक्ष नुकसान से बचाव की मुद्रा में आ गये और उन्होंने कहा कि उनके कहने का कोई ऐसा मतलब नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘दृश्य मीडिया का एक वर्ग दिखा रहा है कि मैंने प्रधानमंत्री पद के लिये आडवाणी का नाम लिया है. यह सही नहीं है. यह भाजपा के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप जैसा होगा जो मैंने कभी नहीं किया.’