कश्मीर घाटी में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों में शनिवार को दो नागरिक मारे गये और 30 पुलिसकर्मियों सहित 40 लोग घायल हो गये हैं.
भीषण हिंसा के बाद श्रीनगर सहित घाटी के सभी प्रमुख शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. शुक्रवार से जारी हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गयी है.राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लोगों से निहित स्वार्थ वाले लोगों के नापाक मंसूबों के प्रति सतर्क रहने की अपील की जो शांति के खिलाफ हैं.
यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उमर ने बारामूला, अनंतनाग और पुलवामा जिलों के लिए उन्होंने तीन मंत्रिस्तरीय दलों के गठन की घोषणा की, ताकि इन क्षेत्रों में नागरिक समूहों के साथ मिलकर तेजी से शांति बहाल की जा सके.
पहली मौत नईदखई के सुंबल क्षेत्र में जम्मू कश्मीर सशस्त्र बल के बटालियन के मुख्यालय के बाहर हुई जहां सैंकड़ों लोगों की भीड़ एकत्र हो चुकी थी. यहां भीड़ ने सुरक्षाकर्मियों से हथियार छीनने के अलावा लूटपाट की कोशिश की और आग लगा दी.पुलिस को बाध्य होकर गोलीबारी करनी पड़ी जिसमें मुदस्सर अहमद लोन को गोली लग गयी थी और बाद में उसकी मृत्यु अस्पताल में हो गयी.
दूसरी मृत्यु बारामूला में हुई जहां एक युवक जावेद अहमद रबर की गोली की चपेट में आ गया. उसे शाम में एकेआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां आज शाम उसकी मृत्यु हो गयी.
हंदवाड़ा, गंदेरबल और बडगाम को छोड़कर शेष घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है. दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के काकपुरा से भी हिंसा की खबरें हैं, जिसमें छह पुलिसकर्मियों के अलावा एक डीएसपी भी घायल हो गया.