कर्नाटक विधानसभा में गुरुवावर को बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने उम्मीद के मुताबिक विश्वास मत जीत लिया. हालांकि इस विजय का अंतिम नतीजा अयोग्य करार दिये गये 16 विधायकों की याचिका पर उच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को सुनाये जाने वाले फैसले पर निर्भर करेगा.
चार दिनों के भीतर दूसरी बार सदन में शक्ति परीक्षण का सामना कर रही येदियुरप्पा सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव के समर्थन में 106 और विरोध में 100 मत पड़े.
भाजपा को प्रभावी 206 सदस्यीय सदन में अपने 105 विधायक और एक निर्दलीय का समर्थन मिला. सदन कांग्रेस के 73 और जदएस के 27 सदस्य हैं.
सदन में आज की कार्यवाही सुचारू रूप से चली तथा सदस्यों की संख्या गिनकर मत विभाजन किया गया. इससे पहले सोमवार को हुए शक्ति परीक्षण में सदन में भारी हंगामा देखने को मिला था. हंगामे के बीच ही विश्वास मत को ध्वनिमत से पारित करने की घोषणा की गयी थी. सोमवार को एक निर्दलीय विधायक विपक्ष के साथ था लेकिन आज उसने सरकार का साथ दिया.
इससे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपैया ने विश्वास मत पर गुरुवार को टाल देने की विपक्ष के नेता सिद्धारमैया की मांग को खारिज कर दिया था. सिद्धारमैया ने कहा था कि कर्नाटक उच्च न्यायालय में अयोग्यता संबंधी याचिकाएं विचाराधीन होने के कारण मतदान को टाल दिया जाना चाहिए. विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान के बाद सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया.