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झारखंड में राज्यसभा के लिए करोड़पतियों में मुकाबला

झारखंड की राज्यसभा की दो सीटों के लिए हो रहे चुनावों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार बालमुचु को छोड़कर अन्य सभी पांच उम्मीदवार करोड़पति हैं.

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झारखंड
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झारखंड की राज्यसभा की दो सीटों के लिए हो रहे चुनावों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार बालमुचु को छोड़कर अन्य सभी पांच उम्मीदवार करोड़पति हैं.

झारखंड से राज्यसभा की दो सीटों के लिए हो रहे द्विवार्षिक चुनावों में नामांकन के अंतिम दिन पांच अन्य उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किये जिन्हें मिलाकर अब यहां से कुल छह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप कुमार बालमुचु को छोड़कर अन्य सभी उम्मीदवार करोड़पति हैं.

नामांकन पत्रों के साथ दाखिल हलफनामे में उम्मीदवारों ने अपनी सम्पत्तियों का जो विवरण दिया है उसके अनुसार भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार अंशुमन मिश्र के पास सर्वाधिक चौबीस करोड़ रूपए से अधिक की नकदी और अन्य सम्पत्तियां है.

दूसरे स्थान पर झामुमो समर्थित आर के अग्रवाल के पास नौ करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और अन्य सम्पत्तियां है.

उम्मीदवारों में सम्पत्ति के आधार पर तीसरे स्थान पर लगभग दो करोड़ रुपये की नकदी और सम्पत्ति के साथ झामुमो के उम्मीदवार संजीव कुमार है.

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चौथे स्थान पर झारखंड विकास मोर्चा के उम्मीदवार पार्टी महासचिव प्रवीण सिंह है जिनमें पास लगभग सवा करोड़ रुपये की नकदी और अन्य सम्पत्तियां हैं. साथ ही उनके पास कुछ ऐसी भी भूमि है जिसका उन्होंने मूल्यांकन नहीं कराया है.

करोड़पति उम्मीदवारों की सूची में पांचवें स्थान पर निर्दलीय पवन कुमार धूत है जिनके पास एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और अन्य सम्पत्तियां है.

राज्यसभा के उम्मीदवारों में सबसे गरीब कांग्रेस उम्मीदवार और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार बालमुचु हैं जिनके पास कुल 27 लाख रुपये की नकदी और अन्य सम्पत्तियां है. उनके पास इसके अलावा सिर्फ एचपीसीएल की डीलरशिप है. नामांकन पत्र भरने वाले उम्मीदवारों में आर के अग्रवाल को भी झामुमो का समर्थन प्राप्त है. जबकि अंशुमन मिश्रा को भाजपा का समर्थन प्राप्त है. चुनाव मैदान में पवन कुमार धूत भी निर्दलीय के रूप में उतरे हैं.

संजीव कुमार झामुमो के आधिकारिक और प्रवीण सिंह झाविमो के अधिकृत उम्मीदवार है.

भारतीय जनता पार्टी ने राज्य से पिछले दो राज्यसभा चुनावों में पार्टी के उम्मीदवार की हार को देखते हुए इस बार अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने से परहेज किया है और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गड़करी की चाहत वाले उम्मीदवार अंशुमन मिश्रा को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ाने का फैसला किया.

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राज्यसभा के इन चुनावों को लेकर विधानसभा में भारी गहमागहमी रही और विधायकों की खरीद फरोख्त के भी चर्चे यहां एक बार फिर आम थे.

विधानसभा सचिव एवं इन चुनावों के निर्वाचन अधिकारी कौशल किशोर प्रसाद ने बताया कि बीस मार्च मार्च को नामांकन पत्रों की जांच की जायेगी. नामांकन वापसी का काम 22 मार्च को और आवश्यक होने पर मतदान 30 मार्च को कराये जायेंगे.

एक अप्रैल तक चुनाव सम्पन्न करा लिए जाने हैं क्योंकि दो अप्रैल को राज्य की दोनों सीटें खाली हो रही हैं. दो अप्रैल को भाजपा के एस एस अहलूवालिया और कांग्रेस के माबेल रेबेलो का कार्यकाल पूरा होने पर यह सीटें रिक्त हो रही है.

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