जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी हंगामे की स्थिति बनी रही. विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ता सईद मोहम्मद यूसुफ की कथितरूप से हिरासत में हुई मौत पर चर्चा कराने की मांग की. भारी हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
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विधानसभा की बैठक शुरू होने के साथ ही पीडीपी ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए प्रश्न काल स्थगित करने सम्बंधी एक स्थगन प्रस्ताव पेश करना चाहा. लेकिन अध्यक्ष ने पीडीपी के स्थगन प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक मात्र विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी और नेशनल पैंथर्स पार्टी के तीन विधायकों ने भी पीडीपी की मांग का समर्थन किया.
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विरोधरत पीडीपी नेता अध्यक्ष के आसन के पास जमा हो गए और यूसुफ की मौत पर चर्चा कराने की मांग करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष मोहम्मद अकबर लोन सदन को सुचारु नहीं रख पाए, लेकिन सरकार इस स्थिति में भी दिन का कामकाज निपटाने में सफल रही.
विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘पीडीपी सदस्यों द्वारा व्यवधान खड़ा किए जाने के बावजूद विधानसभा का कामकाज सामान्य तरीके से निपटाया गया. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से पहले विधानसभा ने कई विधेयक पारित किए.’ सत्र 26 सितम्बर को शुरू हुआ था.
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गौरतलब है कि दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा कस्बा निवासी जमीन व्यापारी, यूसुफ की 30 सितम्बर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. यूसुफ को पार्टी के दो नेताओं सहित पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था. पार्टी के इन दोनों नेताओं ने आरोप लगाया था कि यूसुफ ने उनमें से एक को मंत्री पद दिलाने तथा एक को विधायकी दिलाने के लिए उनसे 1.18 करोड़ रुपये रिश्वत ली थी.
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सरकार का कहना है कि यूसुफ की स्थानीय पुलिस अस्पताल में हृदयाघात के कारण मौत हुई है. लेकिन पीडीपी का आरोप है कि यूसुफ की मौत मुख्यमंत्री के घर बुलाए जाने के बाद रहस्यमय स्थितियों में हुई है.