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कोर्ट ने यूपी से कहा, कल तक जारी हो शहरी निकाय चुनाव की अधिसूचना

उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार को उस समय झटका लगा जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें उसने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए कुछ और समय मांगा था.

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मायावती
मायावती

उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार को उस समय झटका लगा जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें उसने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए कुछ और समय मांगा था. अदालत ने इस संबंध में बुधवार तक अधिसूचना जारी करने का आदेश भी दिया.

उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति अमिताव लाला और न्यायमूर्ति वी के माथुर की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया जिसमें 19 अक्तूबर के आदेश को चुनौती दी गई थी. अदालत ने यह भी कहा कि सम्पूर्ण चुनावी प्रक्रिया छह सप्ताह में पूरी हो जानी चाहिए. इससे पहले अदालत ने कहा था कि चुनाव संबंधी अधिसूचना को 31 अक्तूबर को जारी करना चाहिए और मतदाता सूची 2011 की जनगणना के आधार पर तैयार होनी चाहिए.

राज्य सरकार के साथ भारत सरकार के जनगणना विभाग ने भी अपने आवेदन में कहा था कि उत्तरप्रदेश को 2011 की जनगणना का आंकड़ा उपलब्ध कराना संभव नहीं है क्योंकि प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं की जा सकी है.  इस संबंध में देवरिया जिले के अजीत जायसवाल ने याचिका दायर की थी. इस संबंध में एक अन्य आवेदन में उन्होंने मांग की थी कि अगर 2011 की जनगणना उपलब्ध नहीं है तब 2001 की जनगणना के आधार पर चुनाव कराया जाना चाहिए.

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अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को 2001 की जनगणना के आधार पर चुनावी प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए और इस संबंध में बुधवार तक अधिसूचना जारी करना चाहिए और पूरी प्रक्रिया छह सप्ताह के भीतर पूरी करनी चाहिए.

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