नवनियुक्त विज्ञान व तकनीकी मंत्री एस. जयपाल रेड्डी ने सोमवार को अपना कार्यभार संभाल लिया. इसके साथ ही उन्होंने उन दावों को खारिज कर दिया जिनमें कहा जा रहा था कि पेट्रोलियम मंत्रालय छीने जाने से वह नाराज हैं. रेड्डी ने कहा कि वह कभी भी मंत्रालय पाने के पीछे नहीं भागे.
कार्यभार संभालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में रेड्डी ने कहा कि मंत्रालय में बदलाव से पहले प्रधानमंत्री ने मुझे विश्वास में लिया था और यह मेरे लिए बहुत है. मैं अपने जीवन में कभी भी मंत्रालय के पीछे नहीं भागा.
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उन्होंने कहा कि एक सच्चे प्रधानमंत्री के अधीन कांग्रेस का एक विश्वसनीय कार्यकर्ता बने रहने का मेरा हरदम प्रयास रहा है. यही मेरा ध्यान रहा है और आगे भी रहेगा.
उल्लेखनीय है कि रविवार को मंत्रिपरिषद में हुए बदलाव के तहत रेड्डी से पेट्रोलियम मंत्रालय छीन लिया गया था और उसकी जगह उन्हें विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया. एम. वीरप्पा मोइली को रेड्डी की जगह पेट्रोलियम मंत्री बनाया गया है. रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ उनके बेहद अच्छे संबंध रहे हैं और उन्होंने भी अपना स्नेह बनाए रखा है.
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री ने उन्हें मंत्रालय से बदलने का कारण बताया, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि किसी भी मंत्री को हटाए जाने का कारण नहीं बताया जाता है. मैं समझता हूं कि प्रधानमंत्री को इसका कारण बताना भी नहीं चाहिए.
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उन्होंने कहा कि मैं मंत्रालय को लेकर कभी अड़ा नहीं. पूरी जिंदीग मैं विचारधारा और मुद्दों की राजनीति करता रहा. मुझे मंत्रालय को लेकर कभी पछतावा नहीं रहा.
रेड्डी से जब यह पूछा गया कि उन्होंने मोइली को कार्यभार खुद क्यों नहीं सौंपा तो इसका जवाब उन्होंने कुछ इस प्रकार दिया कि मैंने सचिव को कह दिया था कि मैं पांच बजे तक ऑफिस आ पाउंगा क्योंकि मैं नए मंत्रालय के कामकाज को समझना चाहता था. मैं समाज विज्ञान का छात्र रहा हूं न कि प्राकृतिक विज्ञान का. इसलिए मुझे समय की जरूरत थी. वैसे भी मैं अधिकारी नहीं हूं कि किसी को कार्यभार सौंपूं.
उन्होंने कहा कि जब मैं पेट्रोलियम मंत्री बना था, उस समय मुरली देवड़ा ने मुझे कार्यभार नहीं सौंपा था. रेड्डी ने विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय को एक अहम विभाग बताया.